Sarkar Mega Plan: मनरेगा की जगह आएगा नया कानून, 125 दिनों के रोजगार की गारंटी और बेरोजगारी भत्ता देने का प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने मनरेगा की जगह नया ग्रामीण रोजगार विधेयक (VB-G RAM G) लोकसभा में पेश किया। अब 125 दिनों के रोजगार की संवैधानिक गारंटी मिली। जानें, इस नए बड़े बदलाव से ग्रामीण परिवारों को क्या लाभ मिलेगा।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर 2025 – केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में एक ऐतिहासिक बदलाव लाने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार ने मनरेगा को समाप्त करके ग्रामीण रोजगार के लिए एक नया कानून लाने का विधेयक लोकसभा के सांसदों को बाँट दिया है। इस बड़े और महत्वपूर्ण कदम पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है।
125 दिनों के रोजगार की संवैधानिक गारंटी
जानकारी के अनुसार, इस विधेयक का नाम 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) 2025' होगा। इसे संक्षेप में VB-G RAM G के नाम से जाना जाएगा। माना जा रहा है कि इस विधेयक का उद्देश्य देश में एक मजबूत ग्रामीण विकास ढाँचा स्थापित करना है।
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नया प्रस्ताव: इस विधेयक में सबसे बड़ा प्रस्ताव यह है कि यह हर ग्रामीण परिवार को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के मजदूरी रोजगार की संवैधानिक गारंटी प्रदान करेगा। यह मनरेगा में मिलने वाले 100 दिनों के रोजगार से 25 दिन अधिक है।
यह रोजगार की गारंटी उन परिवारों को मिलेगी, जिनमें युवा सदस्य अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए खुद को तैयार करते हैं।
15 दिन में भुगतान या बेरोजगारी भत्ता
नए कानून का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पहलु भुगतान और बेरोजगारी भत्ता से जुड़ा है। इस विधेयक में यह प्रस्ताव है कि कार्य पूरा होने के एक सप्ताह या 15 दिनों के अंदर भुगतान कर दिया जाए।
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सख्त नियम: अगर तय समय सीमा के अंदर भुगतान नहीं किया जाता है, तो बेरोजगारी भत्ता देने का भी स्पष्ट प्रावधान है। यह नियम ग्रामीण श्रमिकों के हितों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
बीजेपी ने सांसदों को जारी किया सख्त निर्देश
इस विधेयक की महत्वता को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने इसे सदन के पटल पर पेश होने से पहले ही अपने सांसदों के लिए एक सख्त व्हिप जारी किया है। बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को 15 से 19 दिसंबर तक लोकसभा में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इससे स्पष्ट है कि सरकार इस विधेयक को बिना किसी बाधा के पारित कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस नये कानून से ग्रामीण भारत की आर्थिक दिशा में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।
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