Gorakhpur Celebration: सर्वेश दुबे का प्रेरक जीवन, जानें उनके संघर्ष और सफलता की कहानी

गोरखपुर के वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी सर्वेश दुबे ने पत्रकारिता, रंगमंच और समाजसेवा में अतुलनीय योगदान दिया है। जानें उनके जीवन की प्रेरक कहानी और उपलब्धियों के अनसुने पहलू।

Dec 27, 2024 - 14:29
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Gorakhpur Celebration: सर्वेश दुबे का प्रेरक जीवन, जानें उनके संघर्ष और सफलता की कहानी
Gorakhpur Celebration: सर्वेश दुबे का प्रेरक जीवन, जानें उनके संघर्ष और सफलता की कहानी

गोरखपुर की धरती पर ऐसे कई महान व्यक्तित्व जन्मे हैं जिन्होंने अपने कार्यों से समाज को दिशा दी। इन्हीं में से एक नाम है श्री सर्वेश दुबे, जो न केवल वरिष्ठ पत्रकार और रंगमंच के उत्कृष्ट कलाकार हैं, बल्कि एक समर्पित समाजसेवी भी हैं। उनके जन्मदिन के अवसर पर, उनके जीवन की प्रेरक यात्रा पर एक नजर डालते हैं।

पत्रकारिता में सर्वेश दुबे का सफर

सर्वेश दुबे ने पत्रकारिता में अपनी एक अनूठी पहचान बनाई। गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने न केवल पत्रकारों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई, बल्कि पत्रकारिता के उच्च मानकों को भी स्थापित किया। उनके लेखन में सटीकता, निर्भीकता और गहन सामाजिक सरोकार हमेशा झलकते हैं।

उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने समाज के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा को प्राथमिकता दी और पत्रकारिता को समाज के लिए एक बदलाव लाने वाले माध्यम के रूप में प्रस्तुत किया। उनके प्रयासों से पत्रकारिता न केवल एक पेशा बल्कि सामाजिक परिवर्तन का एक सशक्त साधन बनी।

आवाज जो दिल को छू जाए

सर्वेश दुबे की आवाज में ऐसी गहराई और प्रभाव है जो सीधे दिल तक पहुँचती है। आकाशवाणी गोरखपुर पर उनके कार्यक्रम 'बाल सखा' ने बच्चों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई। उनके द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रहे, बल्कि बच्चों और युवाओं के लिए सीखने और प्रेरणा लेने का भी जरिया बने।

उनकी आवाज कार्यक्रम 'पत्र मिला' जैसे गंभीर विषयों में भी समाज के हर वर्ग को जोड़ने का सशक्त माध्यम बनी। उनकी "परफेक्ट मैटेलिक वॉइस" ने कई कार्यक्रमों को यादगार बना दिया।

रंगमंच पर अमिट छाप

गोरखपुर के रंगमंच प्रेमियों के लिए सर्वेश दुबे एक आदर्श हैं। नाटक 'अंधा युग' में धृतराष्ट्र के रूप में उनका अभिनय आज भी दर्शकों की यादों में ताजा है। उनके अभिनय में संवाद के साथ भावनाओं की गहराई भी होती है, जो दर्शकों को किरदार के साथ जोड़ देती है।

उनका मानना है कि रंगमंच केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने का जरिया है। उनके नाटकों में सामाजिक मुद्दों की झलक और सांस्कृतिक मूल्यों का अनूठा समन्वय देखने को मिलता है।

समाजसेवा में योगदान

सर्वेश दुबे का जीवन समाज के प्रति समर्पण का जीता-जागता उदाहरण है। रोटरी क्लब गोरखपुर के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समानता के लिए कई पहल कीं।

उन्होंने हमेशा समाज के वंचित वर्गों की आवाज उठाई और उनके अधिकारों के लिए काम किया। उनके द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाए।

साहित्य में रुचि और योगदान

पत्रकारिता और रंगमंच के साथ-साथ सर्वेश दुबे का साहित्य में भी गहरा झुकाव है। उनकी लेखनी में समाज की वास्तविकता और सकारात्मक परिवर्तन की भावना स्पष्ट रूप से झलकती है। उनके लेख सरल भाषा में गहरी बातें कहने का माध्यम हैं।

जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश

सर्वेश दुबे का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों में नहीं, बल्कि समाज के प्रति किए गए योगदान में होती है। उनके संघर्ष, समर्पण और सेवा का मार्ग हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

उनका सपना है कि नई पीढ़ी सच्चाई, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा के मार्ग पर चले और समाज में सकारात्मक बदलाव लाए।

श्री सर्वेश दुबे का जीवन एक प्रेरक कहानी है। पत्रकारिता, रंगमंच और समाजसेवा में उनके योगदान को शब्दों में बांधना मुश्किल है। उनके जन्मदिन पर, हम उन्हें शुभकामनाएँ देते हैं और उनके सशक्त जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लेते हैं।

आदरणीय सर्वेश दुबे जी, आप दीर्घायु हों और समाज को प्रेरित करते रहें। आपका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा सुख दूसरों के लिए जीने में है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।