Giridih Lootkand: ऑनलाइन गेम के चक्कर में युवक ने मां संग रची साजिश, दहेज के पैसे भी गंवाए!
गिरिडीह में ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में एक युवक ने अपनी मां के साथ मिलकर लूटपाट का नाटक रचा। साढ़े चार लाख रुपये गंवाने के बाद उसने चोरी की झूठी कहानी बनाई। जानें पूरा मामला!

ऑनलाइन गेमिंग की लत किस हद तक खतरनाक हो सकती है, इसका जीता-जागता उदाहरण झारखंड के गिरिडीह जिले में सामने आया है। एक युवक ने अपनी ही मां के साथ मिलकर घर में लूटपाट की झूठी साजिश रच डाली, क्योंकि वह ऑनलाइन गेम में साढ़े चार लाख रुपये हार चुका था! इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस की गहरी जांच में सच्चाई सामने आई।
ऑनलाइन गेमिंग बना मुसीबत, लूट का रचा नाटक!
सरिया थाना क्षेत्र के अछुआटांड़ में 2 मार्च को एक कथित लूटकांड की घटना घटी थी। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि घर में 1.74 लाख रुपये कैश, 400 ग्राम चांदी और 3 ग्राम सोने के गहने लूट लिए गए। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई, लेकिन जल्द ही इस कहानी में कई पेंच नजर आने लगे।
शुरुआती जांच में ही पुलिस को संदेह हुआ जब शिकायतकर्ता बार-बार अपना बयान बदलने लगा। टेक्निकल टीम ने जब उसके मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) खंगाली और बैंक अकाउंट की जांच की, तो चौंकाने वाला सच सामने आया।
शादी के दहेज के पैसे भी गेम में गंवाए!
शिकायतकर्ता जीतेंद्र कुमार मंडल को ऑनलाइन गेम खेलने की बुरी लत थी। चार महीनों के अंदर उसने साढ़े चार लाख रुपये गंवा दिए थे, जिसमें से एक हिस्सा उसकी शादी के लिए मिले दहेज के पैसे थे! जब शादी की तैयारियों के लिए घरवालों ने पैसे मांगे, तब जीतेंद्र के पास कुछ भी नहीं बचा था।
परिवार का दबाव बढ़ा, तो उसने यह राज अपनी मां को बताया। बेटे की आत्महत्या की धमकी से घबराकर मां ने भी इस लूट की झूठी कहानी गढ़ने में उसका साथ दिया।
SIT जांच में हुआ बड़ा खुलासा!
जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ी, सच परत-दर-परत खुलता गया। एसपी के निर्देश पर SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित की गई, जिसमें SDPO धनंजय कुमार राम, इंस्पेक्टर ज्ञान रंजन, थाना प्रभारी आलोक कुमार सिंह, SI योगेश कुमार महतो और ASI श्रवण कुमार सिंह शामिल थे।
टीम ने जब बैंक ट्रांजैक्शन और मोबाइल डेटा की गहन पड़ताल की, तो पता चला कि यह लूटकांड एक सोची-समझी साजिश थी! जीतेंद्र ने खुद स्वीकार किया कि उसने ऑनलाइन गेम में पैसे गवां दिए थे, इसलिए उसने मां के साथ मिलकर चोरी का नाटक रचा।
पुलिस का एक्शन: मां-बेटे के खिलाफ केस दर्ज!
पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की, तो जीतेंद्र, उसकी मां और उसके दिव्यांग पिता ने जुर्म कबूल कर लिया। इस मामले में पुलिस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और झूठी सूचना देने का केस दर्ज कर लिया है।
ऑनलाइन गेमिंग का काला सच!
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब ऑनलाइन गेमिंग की लत ने किसी को अपराध की राह पर धकेल दिया हो। हाल के वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां युवाओं ने PUBG, Free Fire और अन्य ऑनलाइन गेम्स के कारण लाखों रुपये गंवाए और अपराध का रास्ता अपनाया।
कैसे बचें ऑनलाइन गेमिंग की लत से?
गेमिंग पर समय और पैसे की लिमिट सेट करें।
अगर ऑनलाइन गेमिंग की लत लग रही हो, तो काउंसलिंग लें।
माता-पिता बच्चों पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करें।
ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड से बचने के लिए अलर्ट रहें।
गिरिडीह का यह मामला ऑनलाइन गेमिंग की खतरनाक लत की गवाही देता है। खेल का यह रूप बेरोजगारी, कर्ज और अपराध को जन्म दे रहा है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते युवा और उनके परिवार सतर्क हों, वरना यह लत विनाश की ओर ले जा सकती है!
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