Giridih Violence: गिरिडीह में होली जुलूस के दौरान हिंसा, 22 लोग गिरफ्तार, इलाके में तनाव बरकरार
गिरिडीह के घोड़थम्बा इलाके में होली जुलूस के दौरान हिंसा, पथराव और आगजनी में कई लोग घायल। अब तक 22 गिरफ्तार, पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात। जानें पूरी खबर।

गिरिडीह: होली का त्योहार खुशियों का प्रतीक माना जाता है, लेकिन झारखंड के गिरिडीह जिले के घोड़थम्बा इलाके में यह रंगों की जगह हिंसा के साये में डूब गया। होली के जुलूस के दौरान उपजे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया और दो समुदायों के बीच झड़प हो गई। इसके बाद उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की, जिसमें कई लोग घायल हो गए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
कैसे भड़की हिंसा?
घटनाक्रम के अनुसार, शुक्रवार को घोड़थम्बा इलाके में होली जुलूस निकाला गया था, लेकिन जुलूस को रोकने को लेकर विवाद शुरू हो गया। पहले यह कहासुनी तक सीमित था, लेकिन देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया और दो समुदाय आमने-सामने आ गए। इसके बाद पथराव शुरू हो गया और उपद्रवियों ने आगजनी कर इलाके में दहशत फैला दी।
अब तक 22 गिरफ्तार, पुलिस की छापेमारी जारी
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और अभी तक 22 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। खोरीमहुआ के एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस हिंसा में दोनों पक्षों के कई लोग शामिल थे, जिनमें से अब तक 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने 4 दुकानें, 5 मोटरसाइकिल और 2 चारपहिया वाहनों में आग लगा दी। गिरिडीह एसपी बिमल कुमार के अनुसार, अभी भी दोषियों की पहचान की जा रही है और लगातार छापेमारी जारी है।
इलाके में भारी पुलिस बल तैनात, हालात काबू में
गिरिडीह एसपी बिमल कुमार ने कहा कि इलाके में शांति बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस का प्राथमिक उद्देश्य कानून-व्यवस्था बहाल करना और माहौल को शांतिपूर्ण बनाना है।
राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू, झारखंड सरकार पर हमला
इस घटना ने राजनीतिक माहौल भी गरमा दिया है। झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार को इस हिंसा के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है।
मरांडी ने आरोप लगाया कि गिरिडीह में हुई यह घटना हेमंत सोरेन सरकार की तुष्टिकरण नीति और प्रशासनिक विफलता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन पहले से सतर्क रहता और सख्त कदम उठाता, तो यह हिंसा नहीं होती।
गिरिडीह में सांप्रदायिक तनाव का इतिहास
गौरतलब है कि गिरिडीह में इससे पहले भी सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं होती रही हैं। 2018 में भी रामनवमी जुलूस के दौरान इसी तरह की झड़प हुई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था।
झारखंड का गिरिडीह इलाका लंबे समय से धार्मिक और सामाजिक तनाव की चपेट में रहा है। होली, रामनवमी और मोहर्रम के मौकों पर इस क्षेत्र में अक्सर तनाव देखा जाता है।
आगे क्या? प्रशासन की कड़ी निगरानी
पुलिस और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और इलाके में शांति स्थापित की जाएगी।
वहीं, स्थानीय लोग भी इस घटना से सहमे हुए हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य बनाएगा।
गिरिडीह में होली का जश्न सांप्रदायिक हिंसा में बदल गया, जिससे स्थानीय व्यापारियों और आम जनता को बड़ा नुकसान हुआ। पुलिस ने अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे भी जांच जारी है।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं, ताकि आने वाले त्योहार शांतिपूर्ण माहौल में मनाए जा सकें।
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