Jharkhand Festival: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाहा पर्व में बजाया ढोल, सरहुल पर मंत्री भी दिखे झूमते

झारखंड में बाहा पर्व और सरहुल महोत्सव की धूम, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ढोल बजाकर की पूजा, मंत्री योगेंद्र प्रसाद मांदर की थाप पर झूमे। जानिए इन त्योहारों का महत्व।

Mar 16, 2025 - 16:16
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Jharkhand Festival: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाहा पर्व में बजाया ढोल, सरहुल पर मंत्री भी दिखे झूमते
Jharkhand Festival: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाहा पर्व में बजाया ढोल, सरहुल पर मंत्री भी दिखे झूमते

झारखंड: राज्य में बाहा पर्व और सरहुल महोत्सव की धूम मची हुई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रामगढ़ में बाहा पर्व के अवसर पर पूजा-अर्चना कर राज्य की समृद्धि की कामना की। वहीं, उनकी कैबिनेट के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड में सरहुल महोत्सव के दौरान मांदर की थाप पर थिरकते नजर आए।

हेमंत सोरेन ने पैतृक गांव नेमरा में मनाया बाहा पर्व

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पैतृक गांव नेमरा (गोला प्रखंड) में सपरिवार बाहा पूजा संपन्न की। इस पूजा में उनकी मां रूपी सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन और परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल हुए। गांव में उनके आगमन से पहले ही बाहा पर्व की विशेष तैयारियां की गई थीं।

शनिवार को रामगढ़ पहुंचने पर उपायुक्त चंदन कुमार और एसपी अजय कुमार ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पूजा-अर्चना की और खुद ढोल बजाकर झारखंड की खुशहाली की कामना की। इस मौके पर रामगढ़ की विधायक ममता देवी, चित्रगुप्त महतो, बजरंग महतो और विनोद किस्कू समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड की संस्कृति प्रकृति से गहराई से जुड़ी हुई है। उन्होंने राज्य के लोगों से परंपराओं को जीवंत बनाए रखने और प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प लेने की अपील की।

सरहुल महोत्सव में मंत्री ने मांदर की थाप पर किया नृत्य

बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के फुटकाडीह गांव में सरहुल महोत्सव पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद इस महोत्सव में शामिल हुए।

गांव पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने पारंपरिक विधि से मंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान मंत्री जी भी ग्रामीणों के साथ मांदर की थाप पर झूमने लगे। उन्होंने सरना स्थल पर पूजा-अर्चना कर क्षेत्र के सुख-समृद्धि की कामना की।

क्या है बाहा पर्व और सरहुल महोत्सव का महत्व?

बाहा पर्व और सरहुल झारखंड के आदिवासी समाज के प्रमुख पर्व हैं। बाहा पर्व में पेड़ों और फूलों की पूजा कर प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। वहीं, सरहुल महोत्सव सामाजिक एकता और प्रकृति संरक्षण का संदेश देता है

मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा, "आज पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण के उपाय खोज रहा है, लेकिन हमारी संस्कृति सदियों से प्रकृति की पूजा करती आ रही है।"

सरहुल और बाहा पर्व पर झारखंड का उत्साह चरम पर

झारखंड के विभिन्न जिलों में सरहुल और बाहा पर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भव्य आयोजन, पारंपरिक नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं।

नव निर्वाचित झामुमो प्रखंड अध्यक्ष लुदू मांझी, पूर्व मुखिया संजय कुमार समेत बड़ी संख्या में लोग इस उत्सव में शामिल हुए। झारखंड सरकार ने इन पारंपरिक त्योहारों को और भव्य बनाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।