ग़ज़ल - 16 - रियाज खान गौहर, भिलाई
जो मिला ही नहीं है मुलाकात में वो मजा आएगा आज बरसात में .......
गजल
जो मिला ही नहीं है मुलाकात में
वो मजा आएगा आज बरसात में
खत्म दिन हो गया आपकी बात में
बात हो जायेगी खतम अब रात में
था हमारा जो घर वो गिराया गया
भीगते हम रहे सारी बरसात में
आज मंजिल हमें याद ही ना रही
हम भटक से गये आपकी बात में
देश में शांति कैसे कायम रहे
आप तो बस लगे हैं खुराफात में
क्या हुआ कत्ल से वास्ता ही सहीं
कैसे जरदार जाए हवालात में
हो भी कैसे तरक्की वतन की भला
आप तो बस लगे जात और पात में
अब तो माहौल ऐसा है गौहर मियां
कोई रहता नहीं अपनी अवकात में
गजलकार
रियाज खान गौहर भिलाई
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