ग़ज़ल - 3 - रियाज खान गौहर, भिलाई

जो भी अच्छा कहेंगे  शौक से हम सुनेंगे ..

Aug 1, 2024 - 11:21
Aug 1, 2024 - 12:00
ग़ज़ल - 3 - रियाज खान गौहर, भिलाई

ग़ज़ल 

जो भी अच्छा कहेंगे 
शौक से हम सुनेंगे 

आप कुछ भी कहेंगे 
और हम मान लेंगे 

वो तो कहते रहेंगे 
होगी मरजी सुनेंगे 

हुक्म उसका जो होगा 
हम वही तो करेंगे 

देखकर मेरी दौलत 
जलने वाले जलेंगे 

पाऐंगे बस वही तो 
आप जैसा करेंगे 

कर रहे जो घोटाले 
एक न एक दिन फसेंगे 

काम कुछ नेक कर लें 
चार दिन ही रहेंगे 

ये हमारा वतन है 
हम यहीँ पर रहेंगे 

छोड़ गौहर ये उल्फत 
इसमे काँटें मिलेंगे 

गज़लकार 
रियाज खान गौहर भिलाई

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।