Garhwa Tragedy : करम पर्व की खुशियां मातम में बदलीं, नदी में डूबने से दो मासूमों की मौत

गढ़वा के करम पर्व में बड़ा हादसा। पांडा नदी में स्नान अनुष्ठान के दौरान 6 बच्चियां गहरे पानी में गिरीं। 4 बचीं लेकिन 2 मासूमों की मौत हो गई। आखिर कैसे हुआ हादसा?

Sep 5, 2025 - 14:58
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Garhwa Tragedy : करम पर्व की खुशियां मातम में बदलीं, नदी में डूबने से दो मासूमों की मौत
Garhwa Tragedy : करम पर्व की खुशियां मातम में बदलीं, नदी में डूबने से दो मासूमों की मौत

गढ़वा जिले से करम पर्व के दिन दर्दनाक खबर सामने आई है। बुधवार को केतर थाना क्षेत्र के पांडा नदी में स्नान अनुष्ठान के दौरान 6 बच्चियां अचानक गहरे पानी में चली गईं। वहां मौजूद महिलाओं ने सभी को बचाने की कोशिश की। लेकिन अफसोस, 8 साल की बुधनी कुमारी और 7 साल की सोना कुमारी की जान नहीं बचाई जा सकी। इस हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है।

हादसा कैसे हुआ?

जानकारी के मुताबिक, ताली और बकसिपुर गांव की महिलाएं और बच्चियां करम पूजा के अवसर पर नदी स्नान करने गई थीं। अनुष्ठान के दौरान बच्चियां पानी में उतर रही थीं। तभी अचानक 6 बच्चियां फिसलकर गहरे पानी में चली गईं।

भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। महिलाओं ने फौरन बच्चियों को बाहर निकालने की कोशिश की। चार बच्चियों को किसी तरह बचा लिया गया, लेकिन दो बच्चियां बेसुध मिलीं।

अस्पताल ले जाने पर भी नहीं बच सकी जान

बुधनी और सोना को तुरंत भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही केतर थाना प्रभारी अरुण कुमार रावणी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला हादसे का है। बच्चियों के शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं और मामले की पूरी जांच की जा रही है।

गांव में पसरा मातम

करम पर्व झारखंड में आदिवासी समाज का प्रमुख त्योहार है। इस दिन लोग खुशियां मनाते हैं, पूजा करते हैं और नदी में स्नान कर अनुष्ठान संपन्न करते हैं। लेकिन इस बार करम पर्व की खुशी गढ़वा जिले के लिए मातम में बदल गई।

गांव के लोग स्तब्ध हैं। परिजन रो-रोकर बेसुध हो रहे हैं। जिन परिवारों की बच्चियां चली गईं, वहां का माहौल बेहद दुखद है।

स्थानीय लोगों की मांग

गांव के लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए नदी किनारों पर सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। खासकर त्योहार और स्नान अनुष्ठान के दिनों में अतिरिक्त चौकसी की जरूरत है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।