Galudih Incident: महिला से छेड़खानी के बाद ग्रामीणों ने पकड़ा, पुलिस ने आरोपी को जेल भेजा

गालूडीह में महिला से छेड़खानी के आरोपी को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा। आरोपी युवक को जेल भेजा गया। जानें पूरा मामला।

Nov 23, 2024 - 15:35
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Galudih Incident: महिला से छेड़खानी के बाद ग्रामीणों ने पकड़ा, पुलिस ने आरोपी को जेल भेजा
Galudih Incident: महिला से छेड़खानी के बाद ग्रामीणों ने पकड़ा, पुलिस ने आरोपी को जेल भेजा

झारखंड के गालूडीह थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बाघुड़िया पंचायत के बनामघुट्टू गांव में एक 20 वर्षीय युवक ने महिला से छेड़खानी और मारपीट की, जिसके बाद ग्रामीणों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।

घटना कैसे घटी?

शुक्रवार शाम करीब चार बजे, गांव की एक महिला नदी से नहाकर लौट रही थी। तभी जंगल के पास, गांव का ही युवक सोमराय मुर्मू उसे रोककर छेड़खानी करने लगा। महिला ने विरोध किया तो आरोपी ने मारपीट कर उसे घायल कर दिया।

महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे। आरोपी ने भागने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया। इसके बाद आरोपी को गांव में लाकर रस्सी से बांध दिया गया।

ग्रामीणों की सूझबूझ ने बचाई स्थिति

गांववालों ने आरोपी को पकड़कर रात 10 बजे तक गांव में ही बांधकर रखा। इस दौरान ग्रामीणों ने गालूडीह पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने आरोपी को थाने लाने के निर्देश दिए।

ग्रामीणों ने आरोपी को थाने ले जाकर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उसे शनिवार को जेल भेज दिया।

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

गांव के लोगों ने बताया कि ऐसी घटनाएं पहले भी सुनने में आई हैं, लेकिन इस बार ग्रामीणों ने मिलकर आरोपी को पकड़ने का फैसला किया। यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए।

पुलिस का क्या कहना है?

गालूडीह थाना पुलिस ने बताया कि आरोपी सोमराय मुर्मू के खिलाफ छेड़खानी और मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। महिला के बयान और ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई है। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।

झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल

झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन की तत्परता जरूरी है। गालूडीह की इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि महिलाओं को सुरक्षित माहौल कब मिलेगा?

ग्रामीणों की भूमिका बनी मिसाल

इस घटना में ग्रामीणों की सूझबूझ और तत्परता ने यह साबित कर दिया कि सामूहिक प्रयास से अपराधियों को रोका जा सकता है। गालूडीह के ग्रामीणों का यह कदम महिला सुरक्षा के लिए एक मिसाल है।

गालूडीह की इस घटना ने यह दिखा दिया कि अपराधियों को सबक सिखाने के लिए जनता और प्रशासन दोनों का सहयोग जरूरी है। ग्रामीणों की त्वरित कार्रवाई ने जहां एक अपराधी को सजा दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाया, वहीं यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है कि महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।

आने वाले समय में यह देखना जरूरी होगा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन क्या ठोस कदम उठाता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।