Galudih Accident Tragedy: बराज डैम पर मौत के बाद भड़के ग्रामीण, मुआवजे और नौकरी पर बनी सहमति

गालूडीह बराज डैम पर डोमन टुडू की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रशासन ने 5 लाख मुआवजे और मृतक की पत्नी को नौकरी देने का ऐलान किया। जानिए पूरी खबर।

Feb 24, 2025 - 20:59
 0
Galudih Accident Tragedy: बराज डैम पर मौत के बाद भड़के ग्रामीण, मुआवजे और नौकरी पर बनी सहमति
Galudih Accident Tragedy: बराज डैम पर मौत के बाद भड़के ग्रामीण, मुआवजे और नौकरी पर बनी सहमति

गालूडीह – झारखंड के बराज डैम पर रविवार रात हुए सड़क हादसे ने पूरे इलाके में आक्रोश की लहर पैदा कर दी। देवली गांव निवासी डोमन टुडू (30) की दर्दनाक मौत के बाद सोमवार को ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। डोमन टुडू की बाइक बराज डैम के ऊपर पड़े बालू से स्किट कर अनियंत्रित हो गई, जिससे वह सिर के बल गिर गया और गंभीर चोट लगने से उसकी जान चली गई। इस हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं ग्रामीणों ने हादसे के लिए डैम पर चल रहे सैंड ब्लास्टिंग और लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।

कैसे हुआ हादसा?

जानकारी के मुताबिक, डोमन टुडू पेशे से सब्जी विक्रेता था और रविवार को जादूगोड़ा बाजार से अपनी सब्जी बेचकर घर लौट रहा था। रात करीब 9 बजे जब वह बराज डैम के ऊपर से गुजर रहा था, तभी सड़क पर पड़े बालू के ढेर पर उसकी बाइक स्किट कर गई और वह सीधे सड़क पर गिर पड़ा। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण डोमन टुडू खून से लथपथ हो गया।

स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद गालूडीह पुलिस मौके पर पहुंची और घायल युवक को अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

ग्रामीणों का आक्रोश: क्यों भड़का गुस्सा?

डोमन टुडू की मौत के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। सोमवार सुबह सैकड़ों ग्रामीण बराज डैम पहुंचे और स्वर्णरेखा परियोजना कार्यालय पर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप था कि डैम पर हो रहे सैंड ब्लास्टिंग पेंटिंग कार्य में लापरवाही बरती जा रही है।

  • डैम पर बेरिकेडिंग की व्यवस्था नहीं थी, जिससे रात के अंधेरे में राहगीरों को खतरा बढ़ गया।
  • कई जगहों पर बालू के ढेर पड़े थे, जिससे बाइक और अन्य वाहन स्किट कर रहे थे।
  • घटना के बाद प्रशासन ने सबूत मिटाने की कोशिश की और खून से सना बालू डैम से नीचे फेंक दिया गया।

मुआवजे और नौकरी पर बनी सहमति

ग्रामीणों के विरोध के बाद सोमवार दोपहर गालूडीह थाना में एसडीपीओ अजित कुजूर, बीडीओ यूनिका शर्मा, थाना प्रभारी कुमार इंद्रेश, कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार और साइड इंचार्ज प्रभाकर झा समेत कई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। यहां मृतक के परिवार और ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई।

इस दौरान डोमन टुडू की पत्नी को 5 लाख रुपये का मुआवजा और ठेका कंपनी में नौकरी देने पर सहमति बनी। मुआवजा राशि में विभाग द्वारा 1.5 लाख और ठेका कंपनी द्वारा 3.5 लाख रुपये दिए जाएंगे।

वार्ता के बाद मामला शांत हुआ और ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त किया।

बराज डैम पर खतरा क्यों बना हुआ है?

बराज डैम सिर्फ एक आधिकारिक जल परियोजना नहीं है, बल्कि यहां से सैकड़ों ग्रामीणों का रोजाना आना-जाना होता है। लेकिन लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी इस इलाके को जानलेवा बना रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि –

  • डैम पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा।
  • अगर उचित सुरक्षा उपाय किए जाते तो डोमन टुडू की जान बच सकती थी।
  • प्रशासन को सुरक्षा मानकों को कड़ाई से लागू करने की जरूरत है।

डोमन टुडू का परिवार: दुखों का पहाड़

डोमन टुडू अपने घर का छोटा बेटा था और परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। कुछ साल पहले उसके बड़े भाई दीपेन टुडू की भी एक दुर्घटना में मौत हो गई थी।

डोमन टुडू के परिवार में –

  • पिता रामचंद्र टुडू
  • मां पानो टुडू
  • पत्नी काजल टुडू
  • दो बेटियां पूर्णिमा और मायरा टुडू हैं।

डोमन टुडू की पत्नी गर्भवती है, जिससे परिवार पर संकट और गहरा हो गया है। इस हादसे ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है।

क्या प्रशासन सबक सीखेगा?

इस हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन अब लापरवाही रोकेगा? बराज डैम पर सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा या फिर यह लापरवाही आगे भी लोगों की जान लेती रहेगी?

सरकार और प्रशासन को अब जागरूकता दिखानी होगी, नहीं तो यह हादसे यूं ही दोहराए जाते रहेंगे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।