E-Medicine Jharkhand: घर बैठे मिलेगा अस्पताल में उपलब्ध दवाओं का अपडेट, जानिए कैसे शुरू हो रही है ये नई योजना
झारखंड में ई-औषधि योजना शुरू हो रही है, जिससे अब घर बैठे ही अस्पताल में उपलब्ध दवाओं की जानकारी मिल सकेगी। जानें इस योजना के लाभ और इससे जुड़ी अहम जानकारी।
रांची, 26 दिसंबर: अब झारखंड में लोग घर बैठे अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। जी हां, राज्य में एक नई ई-औषधि योजना शुरू होने जा रही है, जिसे ‘ई-मेडिसिन’ योजना नाम दिया गया है। इस योजना के तहत रांची, गुमला, लोहरदगा समेत कई जिलों में अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं की जानकारी अब केवल एक क्लिक पर उपलब्ध होगी।
इस योजना के लागू होने से न सिर्फ मरीजों को दवाओं की उपलब्धता को लेकर परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा, बल्कि इस योजना से स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। झारखंड सरकार ने इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं और अब यह योजना राज्य के विभिन्न जिलों में लागू की जाएगी।
ई-औषधि योजना का उद्देश्य और फायदा
ई-औषधि योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि अब झारखंड के नागरिकों को अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं की जानकारी तुरंत और आसानी से मिल सके। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के तहत मरीजों को यह जानकारी घर बैठे ही मिल जाएगी कि उनकी जरूरत की दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं या नहीं। इससे उन्हें अस्पतालों के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होगी।
अब तक, कई बार दवाओं का स्टॉक खत्म हो जाने पर मरीजों को कई दिनों तक दवाओं की उपलब्धता का इंतजार करना पड़ता था। इस योजना के तहत, स्टॉक खत्म होते ही इसकी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगी, जिससे मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा। इसके अलावा, इससे दवाओं के वितरण में पारदर्शिता भी आएगी।
इन जिलों में शुरू होगी ई-औषधि योजना
ई-औषधि योजना का विस्तार झारखंड के कई जिलों में किया जा रहा है। जिन जिलों में यह योजना शुरू होगी, उनमें रांची, लोहरदगा, गुमला, हजारीबाग, गोड्डा, गढ़वा, गिरिडीह, बोकारो, और धनबाद शामिल हैं। इन जिलों के अस्पतालों में मरीजों को अब घर बैठे ही यह जानकारी मिल सकेगी कि अस्पताल में किस दवा की उपलब्धता है।
यह योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत लागू की जाएगी, जिसके तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दवाओं की जानकारी अपडेट की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना को लागू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं, ताकि इसका सही तरीके से संचालन किया जा सके।
आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य कवरेज
ई-औषधि योजना को आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी‐पीएमजेएवाई) के तहत लागू किया जाएगा। यह योजनाएं गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं। ई-औषधि योजना को लागू करने से इन योजनाओं के लाभार्थियों को और भी ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि उन्हें अब अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता के बारे में आसानी से जानकारी मिल सकेगी।
कैसे काम करेगी यह योजना?
ई-औषधि योजना में अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं की जानकारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाएगी। यह जानकारी मरीजों को उनके मोबाइल फोन, कंप्यूटर या किसी अन्य डिजिटल डिवाइस के माध्यम से मिलेगी। इस योजना के तहत, मरीजों को यह पता चलेगा कि उनके पास उपलब्ध दवाएं अस्पताल में हैं या नहीं, और यदि नहीं हैं तो उन्हें कहां से मिल सकती हैं।
यह योजना अस्पतालों के स्टॉक को ट्रैक करने में भी मदद करेगी, जिससे दवाओं के वितरण में पारदर्शिता आएगी और अस्पतालों में दवाओं की कमी की समस्या हल होगी।
ई-औषधि योजना झारखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इस योजना के तहत मरीजों को न केवल दवाओं की उपलब्धता की जानकारी होगी, बल्कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और पारदर्शिता भी आएगी। खासकर, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से लाभान्वित होने वाले गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए यह योजना एक राहत का काम करेगी।
इस नई योजना के बारे में आप क्या सोचते हैं? क्या यह योजना राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव ला सकेगी? अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
यह योजना राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकती है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इसके लागू होने से झारखंड में स्वास्थ्य सेवाएं और भी प्रभावी हो जाएंगी।
What's Your Reaction?