दुर्ग में कोरियर सर्विस के जरिए फल-फूल रहा था नशे का कारोबार, पटना और कोरबा से दुर्ग पुलिस ने चार तस्करों को धर दबोचा
दुर्ग में कोरियर सर्विस के जरिए नशीली दवाइयों का काला कारोबार चल रहा था। पटना और कोरबा से दुर्ग पुलिस ने अर्न्तराज्यीय तस्कर समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की। जानें कैसे तस्करों का जाल बिछा था और कैसे पुलिस ने इसे तोड़ा।
दुर्ग में कोरियर सर्विस से फल-फूल रहा था नशे का कारोबार, पुलिस ने पटना और कोरबा से चार तस्करों को गिरफ्तार किया
दुर्ग: नशे के खिलाफ संकल्प अभियान के तहत दुर्ग पुलिस ने कोरियर सर्विस के माध्यम से फल-फूल रहे नशीली दवाइयों के काले कारोबार का पर्दाफाश करते हुए पटना और कोरबा से चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एसीसीयू और पद्यनाभपुर थाना की संयुक्त टीम ने की, जिसमें बड़ी सफलता हासिल हुई।
ऑनलाइन पेमेंट और कोरियर से चल रहा था नशे का नेटवर्क
दुर्ग जिले में नशे का अवैध कारोबार ऑनलाइन बैंकिंग और कोरियर सर्विस के जरिए हो रहा था। आरोपी हार्दिक भोई और दिलीप साहू ने पटना से नशीली दवाइयों को मंगवाने के लिए ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल किया। 16 सितंबर 2024 को मुखबिर की सूचना पर दुर्ग पुलिस ने हार्दिक भोई और दिलीप साहू को गिरफ्तार किया, जिनके कब्जे से अल्प्राजोलम टेबलेट और अन्य नशीली दवाइयां बरामद की गईं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (दुर्ग शहर) अभिषेक झा ने बताया कि एसीसीयू प्रभारी तापेश नेताम और थाना पद्यनाभपुर नगर निरीक्षक अम्बिका प्रसाद ध्रुव के नेतृत्व में इस संयुक्त टीम ने नशे के कारोबारियों पर नजर बनाए रखी और मुखबिर की सूचना पर यह बड़ी कार्रवाई की।
तस्करों के नेटवर्क का हुआ खुलासा
मुख्य आरोपी हार्दिक भोई से पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि वह कोरबा निवासी भूनेश्वर बरेठ और दीपक साहू के जरिए नशीली दवाइयां मंगवा रहा था। पुलिस ने जब हार्दिक भोई के मोबाइल और बैंक डिटेल्स की जांच की, तो यह पाया गया कि उसने इन तस्करों से 2022 से लगातार संपर्क में रहकर दवाइयां मंगवाई थीं।
इसके बाद पुलिस की एक टीम कोरबा भेजी गई, जहां दीपक साहू और भूनेश्वर बरेठ को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। भूनेश्वर बरेठ ने बताया कि वह पटना निवासी रविशंकर प्रसाद से ऑनलाइन कोरियर के माध्यम से नशीली दवाइयों की आपूर्ति करता था। इन दवाइयों को कोरबा और दुर्ग तक पहुंचाने के लिए अमेजन और अन्य कोरियर सेवाओं का उपयोग किया जा रहा था।
पटना से आरोपी रविशंकर प्रसाद गिरफ्तार
दुर्ग पुलिस की टीम ने इसके बाद पटना का रुख किया और वहां रविशंकर प्रसाद को गिरफ्तार किया। पूछताछ में रविशंकर ने बताया कि वह नशीली दवाइयां पटना निवासी किशन यादव से मंगवाता था। पुलिस ने तस्करों के बैंक खाते और ट्रांजेक्शन डिटेल्स की जांच की, जिसमें लाखों रुपए का लेन-देन पाया गया। सभी आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।
काले कारोबार का नेटवर्क और भूमिका
इस मामले में आरोपियों के खिलाफ थाना पद्यनाभपुर में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8, 21सी और 29 (1) के तहत अपराध क्रमांक 352/2024 में मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों का मोबाइल और बैंक अकाउंट नंबर भी जब्त कर लिया गया है, जिससे उनकी गतिविधियों की गहनता से जांच हो सके।
पुलिस ने बताया कि आरोपी हार्दिक भोई, दिलीप साहू, दीपक साहू, भूनेश्वर बरेठ और रविशंकर प्रसाद नशीली दवाइयों का ऑनलाइन कारोबार कर युवाओं की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे थे। इन तस्करों ने कोरियर सर्विस और ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल कर कानून से बचने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी साजिश को नाकाम कर दिया।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस कार्रवाई में एसीसीयू की टीम के सउनि नरेंद्र सिंह, प्रधान आरक्षक विजय शुक्ला, आरक्षक जी रवि, नरेंद्र सहारे, बालमुकुंद, चित्र सेन, जावेद हुसैन खान और थाना पद्यनाभपुर से उप निरीक्षक एम.एल. देवांगन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
तस्करी के आरोपी
- हार्दिक भोई, उम्र 23 वर्ष, निवासी पचरी पारा, वार्ड 28, दुर्ग
- दिलीप साहू, उम्र 34 वर्ष, निवासी कसारीडीह, वार्ड नं. 44, थाना पद्यनाभपुर
- दीपक साहू, उम्र 28 वर्ष, निवासी पंप हाउस वाल्मीकि निवास, चौकी सीएसईबी थाना सीटी कोतवाली, कोरबा
- भूनेश्वर बरेठ, उम्र 26 वर्ष, निवासी नेहरू नगर, थाना दीपिका, जिला कोरबा
- रविशंकर प्रसाद, उम्र 38 वर्ष, निवासी पदमगली, बरीपथ, पटना, बिहार
नशे के खिलाफ संकल्प अभियान में बड़ी सफलता
इस कार्रवाई ने दुर्ग जिले में नशे के कारोबारियों को बड़ा झटका दिया है और पुलिस की सतर्कता से यह साफ हो गया है कि नशे के खिलाफ संकल्प अभियान पूरी गंभीरता से चलाया जा रहा है। दुर्ग पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से अन्य नशे के कारोबारियों को भी एक कड़ा संदेश दिया गया है।
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