Dhanbad Scame : कारोबारी को नशा खिलाकर लाखों की लूट, हजारीबाग में उतरे दो संदिग्ध
धनबाद के झरिया निवासी कारोबारी को पटना से लौटते समय नशा खुरानी गिरोह ने निशाना बनाया। होटल में खाने के बाद बस में सवार दो युवकों ने उन्हें नशा देकर लाखों रुपये और कीमती सामान लूट लिया। पुलिस जांच में जुटी है।

Dhanbad के झरिया इलाके से एक बेहद चौंकाने वाली वारदात सामने आई है, जहां एक कारोबारी को नशा खुरानी गिरोह ने अपना शिकार बना लिया।
यह घटना सिर्फ एक लूट नहीं, बल्कि बिहार-झारखंड के बीच फैले एक सुनियोजित आपराधिक जाल की ओर इशारा करती है, जो अक्सर बस यात्रियों को अपना निशाना बनाता है।
झरिया निवासी कारोबारी रिंकू, जो स्क्रैप और ज्वेलरी का कारोबार करते हैं, किसी व्यापारिक काम से पटना गए हुए थे। वापसी में उन्होंने चंद्रलोक नाम की बस से धनबाद लौटने का फैसला किया। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह यात्रा उनके लिए कभी न भूलने वाली डरावनी हकीकत बन जाएगी।
होटल में खाया खाना बना लूट की स्क्रिप्ट
जानकारी के मुताबिक, जब बस पावापुरी के पास एक होटल पर भोजन के लिए रुकी, तो सभी यात्री नीचे उतरकर खाने लगे। रिंकू ने भी खाना खाया और फिर अपनी सीट पर आकर बैठ गए। उनकी सीट के ठीक आगे दो युवक बैठे थे, जो बस में पहले से मौजूद नहीं थे, बल्कि खाना-पीना लेकर बस में सवार हुए थे।
इन्हीं युवकों ने रिंकू को कुछ खाने-पीने का सामान ऑफर किया। शायद कारोबारी को यह सामान्य बात लगी और उन्होंने सामान ले लिया। लेकिन यहीं से उनकी होश की दुनिया अंधेरे में डूब गई।
हजारीबाग में उतर गए दोनों संदिग्ध
दोनों युवक हजारीबाग में ही बस से उतर गए, लेकिन रिंकू बेसुध होकर रांची तक पहुंच गए। जब बस कांटाटोली बस स्टैंड पर पहुंची, तो ड्राइवर को उनकी सीट पर उनका शरीर अजीब स्थिति में पड़ा दिखा। फौरन अन्य यात्रियों की मदद से उन्हें नीचे उतारा गया और पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस ने तत्काल एंबुलेंस बुलाकर कारोबारी को रांची के सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वे अब भी होश में नहीं आए हैं।
लाखों रुपये और कीमती सामान थे बैग में
स्थानीय लोगों और बस स्टाफ से मिली जानकारी के अनुसार, रिंकू के पास एक बैग था जिसमें नकद रुपये और ज्वेलरी रखी हुई थी। नशा खुरानी गिरोह ने उन्हें बेहोश कर वह पूरा बैग साफ कर दिया।
यह घटना कोई पहला मामला नहीं है। झारखंड और बिहार के बस मार्गों पर ऐसी नशा खुरानी की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। खासतौर पर वे यात्री जो ज्वेलरी, कैश या अन्य कीमती सामान लेकर यात्रा करते हैं, उन्हें ये गिरोह निशाना बनाता है।
पुलिस की जांच, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं
फिलहाल पुलिस कारोबारी के होश में आने का इंतजार कर रही है, ताकि वह स्वयं बता सकें कि उन्हें किसने क्या खिलाया और क्या बात हुई थी। लेकिन सवाल यह उठता है कि बस में CCTV क्यों नहीं था? क्या इन गिरोहों के पास पहले से जानकारी थी कि कारोबारी के पास नकद और कीमती सामान है?
इन सवालों के जवाब अब पुलिस की जांच पर निर्भर हैं।
एक सोची-समझी योजना?
घटना के क्रम और युवकों के व्यवहार को देखते हुए यह संदेह गहराता है कि यह कोई अचानक किया गया अपराध नहीं था, बल्कि पूरी तरह से सुनियोजित योजना थी।
पिछले कुछ वर्षों में धनबाद, हजारीबाग और रांची मार्ग पर इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हुई है। 2022 में भी रामगढ़ के पास एक महिला को नशा खिलाकर उसके गहने लूट लिए गए थे।
यात्री रहें सतर्क
पुलिस और प्रशासन भले ही अपनी ओर से सुरक्षा की बातें कर लें, लेकिन सच यही है कि सफर के दौरान सावधानी ही सुरक्षा की पहली शर्त है। किसी अनजान व्यक्ति से खाने-पीने की चीजें न लेना, ऐसे मामलों से बचने के लिए बेहद जरूरी है।
आगे क्या?
पुलिस नशा खुरानी गैंग की तलाश में जुट गई है, और जल्द ही घटनास्थल के आस-पास के होटल और बस स्टैंड पर लगे CCTV फुटेज की जांच भी शुरू होगी। लेकिन जब तक पीड़ित कारोबारी होश में नहीं आते, तब तक पुलिस के पास हाथ में कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
यह मामला न केवल एक व्यक्ति की लूट की कहानी है, बल्कि पूरे सिस्टम और आम यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल है।
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