Chandil में Accident! तेज़ रफ्तार बस और ट्रक की जबरदस्त भिड़ंत, दर्जनभर यात्री घायल

सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल में यात्री बस और ट्रक की ज़बरदस्त टक्कर, जिसमें दर्जनभर यात्री घायल हुए। स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। जानें पूरी खबर!

Feb 27, 2025 - 20:54
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Chandil में Accident! तेज़ रफ्तार बस और ट्रक की जबरदस्त भिड़ंत, दर्जनभर यात्री घायल
Chandil में Accident! तेज़ रफ्तार बस और ट्रक की जबरदस्त भिड़ंत, दर्जनभर यात्री घायल

सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जब एक यात्री बस और तेज़ रफ्तार ट्रक की आमने-सामने टक्कर हो गई। इस भीषण दुर्घटना में दर्जनभर यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए, वहीं ट्रक चालक की हालत बेहद नाज़ुक बताई जा रही है।

कैसे हुआ हादसा?
बस और ट्रक में टक्कर की असली वजह क्या थी?
क्या प्रशासन की लापरवाही से बढ़ रही हैं सड़क दुर्घटनाएं?

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा पंडित रघुनाथ मुर्मू चौक, कांदरबेड़ा के पास हुआ, जब नटराज बस (JH 05BQ-9427) रांची से जमशेदपुर जा रही थी और ट्रक (JH 05AB-5503) जमशेदपुर से रांची की ओर आ रहा था

तेज़ रफ्तार में बस मोड़ काट रही थी, तभी सामने से आ रहे ट्रक से उसकी सीधी भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी ज़बरदस्त थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि ट्रक का ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया

दर्दनाक मंजर और स्थानीय लोगों की तत्परता

टक्कर के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए दौड़ पड़े। कुछ ही देर में रोड एंबुलेंस की मदद से घायलों को एमजीएम अस्पताल भेजा गया

कौन-कौन हुआ घायल?

  • अफरोज इमाथे (सरिया काजी, आज़ादनगर निवासी)
  • गंगाधर (विशाखापत्तनम निवासी)
  • सुमन बबुरी (ट्रक खलासी)

इसके अलावा कई अन्य यात्री भी चोटिल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है।

क्या बढ़ रही हैं सड़क दुर्घटनाएं?

झारखंड में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। हाईवे पर ओवरस्पीडिंग, लापरवाह ड्राइविंग और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी बड़े हादसों की मुख्य वजह बन रही है।

2019 में भी चांडिल हाईवे पर इसी तरह का एक बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी
2022 में रांची-जमशेदपुर हाईवे पर एक निजी बस और ट्रक की टक्कर में 5 लोगों की जान चली गई थी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में हर साल औसतन 2000 से अधिक सड़क हादसे होते हैं

प्रशासन कब जागेगा?

हर हादसे के बाद प्रशासन मुआवजे और जांच की बातें तो करता है, लेकिन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते

क्या हाईवे पर स्पीड कंट्रोल के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं होने से ये हादसे हो रहे हैं?
क्या ओवरलोडेड और तेज़ रफ्तार गाड़ियां प्रशासन के नियंत्रण से बाहर हैं?
क्या घायलों को उचित मुआवजा मिलेगा?

अब क्या होगा?

इस घटना के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक यात्री ऐसी दर्दनाक दुर्घटनाओं के शिकार होते रहेंगे?

अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस हादसे से सबक लेकर हाईवे पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं। 

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।