Bokaro Chaos: नवजात की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा, हाईवे पर आगजनी
बोकारो में नवजात की मौत के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में हंगामा किया और हाईवे को जाम कर दिया। जानिए इस मामले में क्या हुई कार्रवाई और प्रशासन का अगला कदम।
बोकारो। झारखंड के बोकारो में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। नवजात की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने बोकारो सदर अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मंगलवार को, परिजनों ने अस्पताल में दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया और उसके बाद रामगढ़ मुख्य पथ को उकरीद मोड़ के पास जाम कर दिया, जिसमें हाईवे पर टायर जलाकर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
नवजात की मौत और परिवार का गुस्सा
परिजनों ने आरोप लगाया कि आठ दिसंबर को सदर अस्पताल में भर्ती प्रसूता की सिजेरियन के बाद नवजात की स्थिति गंभीर हो गई थी। चिकित्सकों ने नवजात को बोकारो जेनरल अस्पताल (बीजीएच) रेफर किया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना था कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण यह घटना घटी, जिससे उन्हें मुआवजे और कार्रवाई की मांग थी।
अस्पताल में हंगामा और पुलिस की कार्रवाई
सदर अस्पताल में हंगामे की जानकारी मिलने के बाद चास थाना से पुलिस मौके पर पहुंची। परिजनों ने अस्पताल में डॉक्टर और नर्सों से नाराज होकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस दौरान, सदर अस्पताल के प्रभारी डीएस डॉ. सौरव सांख्यान को कुछ समय के लिए बंधक बना लिया गया। अस्पताल के ओपीडी में कार्यरत चिकित्सकों ने भी घटना के चलते ओपीडी बंद कर दिया।
सिविल सर्जन का कदम
सिविल सर्जन डॉ. अभय भूषण प्रसाद ने मामले का संज्ञान लेते हुए एक चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। टीम में एसीएमओ डॉ. एचके मिश्र, डीआरसीएचओ डॉ. सेलिना टुडू, डीटीओ डॉ. एसएम जफरूल्लाह, और डीएलओ डॉ. सुधा शामिल हैं। जांच टीम को 24 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। सिविल सर्जन ने अस्पताल में कार्यरत सभी नर्सों को हटाकर स्पष्टीकरण भी मांगा है।
हाईवे पर आगजनी और जाम
मामले की गंभीरता को देखते हुए, परिजनों ने बोकारो रामगढ़ मुख्य पथ को जाम कर दिया और टायर जलाकर हाईवे बंद कर दिया। इस कार्रवाई से यातायात बाधित हो गया और सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और परिजनों से बातचीत की।
परिजनों का बयान और अस्पताल की लापरवाही
सरफराज आलम अंसारी, जिन्होंने अपनी पत्नी शमा परवीन को तीन दिसंबर को अस्पताल में जांच के लिए लाया था, ने बताया कि डॉक्टर रेखा ने छह दिसंबर को नॉर्मल डिलीवरी के लिए भर्ती करने को कहा। हालांकि, जब उनकी पत्नी को भर्ती नहीं किया गया, तो आठ दिसंबर को सिजेरियन किया गया। इसके बाद बताया गया कि बच्चे के मुंह में गंदगी चली गई है और उसे बीजीएच रेफर कर दिया गया, जहां नवजात की मौत हो गई।
मामले की गूंज और आगे की कार्रवाई
सदर अस्पताल में चल रहे इस बवाल की गूंज पूरे इलाके में सुनाई दे रही है। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की योजना बनाई है। साथ ही, आरोपित डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
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