युवा आक्रोश रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज, शिव शंकर सिंह बोले: हेमंत सरकार की घबराहट उजागर
रांची में 25 अगस्त को युवा आक्रोश रैली में हुए बवाल के बाद हेमंत सरकार ने भाजपा नेताओं और 12 हजार अज्ञात कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज की। शिव शंकर सिंह ने इसे सरकार की घबराहट बताया।
रांची, 26 अगस्त 2024: बीते 25 अगस्त को रांची के मोरहाबादी मैदान में भाजपा युवा मोर्चा द्वारा आयोजित "युवा आक्रोश रैली" में भारी हंगामा हुआ। इस रैली का उद्देश्य हेमंत सरकार की वादाखिलाफी और जनहित से जुड़े मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना था। रैली के दौरान हुए बवाल के बाद, हेमंत सरकार ने भाजपा नेताओं सहित 42 नामजद और 12 हजार अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इस कदम पर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा नेता शिव शंकर सिंह ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी!" उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने अपने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करके विरोध करने वालों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए हैं। शिव शंकर सिंह ने कहा कि सरकार इस तरह के फर्जी मुकदमे दर्ज कर युवाओं को बेवजह जेल भेजने पर तुली हुई है।
शिव शंकर सिंह ने आगे कहा, "युवा आक्रोश रैली में भारी संख्या में युवाओं का आक्रोश देखकर हेमंत सरकार घबरा गई है। यह एफआईआर उसी घबराहट का परिणाम है। सरकार का यह कदम उसकी तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। भाजपा ऐसे जनविरोधी रवैये को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।"
शिव शंकर सिंह ने साफ किया कि हेमंत सरकार के खिलाफ यह विरोध अब और भी तेज होगा। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि भाजपा जनहित के मुद्दों पर पीछे नहीं हटेगी और हर कीमत पर लड़ाई जारी रखेगी।
भाजपा द्वारा आयोजित इस रैली में प्रदेश भर से हजारों की संख्या में युवा कार्यकर्ता जुटे थे। उन्होंने हेमंत सरकार पर बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, और वादाखिलाफी के आरोप लगाए। रैली के दौरान युवाओं में भारी आक्रोश देखा गया। पुलिस और प्रशासन के साथ कुछ जगहों पर झड़प भी हुई, जिसके बाद स्थिति बेकाबू हो गई।
इसके बाद, हेमंत सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई। प्रशासन ने यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर उठाया, लेकिन भाजपा इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रही है।
शिव शंकर सिंह ने इसे हेमंत सरकार की विफलता और जनता की आवाज दबाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब हेमंत सरकार ने जनता के हित में उठने वाली आवाजों को दबाने का प्रयास किया है।
उन्होंने यह भी कहा, "यह मुकदमे हमें डराने के लिए हैं, लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। भाजपा हर स्तर पर जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रखेगी। सरकार चाहे जितनी भी सख्ती कर ले, हम युवा और जनता के हित में अपनी आवाज उठाते रहेंगे।"
भाजपा नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी एकजुटता दिखाई है। उनका कहना है कि हेमंत सरकार के खिलाफ इस जनाक्रोश को और व्यापक किया जाएगा, और जल्द ही राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की जा सकती है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे किसी भी प्रकार के दमन से डरने वाले नहीं हैं और जनहित में संघर्ष जारी रहेगा।
युवा आक्रोश रैली में हुए इस घटनाक्रम से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्ष ने हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया है और इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है। जनता में भी इस मुद्दे को लेकर गुस्सा और असंतोष फैल रहा है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं।
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