Jamshedpur Accident: बिना सेफ्टी बेल्ट बिल्डिंग पर चढ़े मजदूर, 3 मंजिला इमारत से गिरे!
जमशेदपुर के सीतारामडेरा में निर्माणाधीन इमारत में बड़ा हादसा! बिना सेफ्टी बेल्ट के काम कर रहे दो मजदूर 3 मंजिला इमारत से गिरे, एक की हालत गंभीर। आखिर किसकी लापरवाही पड़ी मजदूरों पर भारी? पढ़ें पूरी खबर।

जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के छायानगर में सोमवार को एक बड़ा हादसा हुआ। बिना किसी सुरक्षा उपाय के काम कर रहे दो मजदूर अचानक तीन मंजिला इमारत से नीचे गिर गए। इस दर्दनाक हादसे में एक मजदूर की हालत गंभीर बनी हुई है।
कैसे हुआ हादसा?
घायल मजदूर शिबू ने बताया कि वे लोग पिछले तीन-चार महीने से उसी भवन में काम कर रहे थे, लेकिन वहां किसी भी तरह की सेफ्टी बेल्ट या अन्य सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए थे।
- घटना के वक्त शिबू गिट्टी लेकर बांस की सीढ़ी से ऊपर चढ़ रहा था।
- अचानक उसका पैर फिसल गया और वह सीधे नीचे आ गिरा।
- पीछे से श्रीनाथ भी मटेरियल लेकर ऊपर जा रहा था।
- शिबू के गिरने से वह भी चपेट में आ गया और सीधे जमीन पर आ गिरा।
- हादसे के बाद दोनों मजदूरों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां श्रीनाथ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
कौन है जिम्मेदार?
यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक बड़ी लापरवाही का नतीजा है। भारत में निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा नियमों की अनदेखी एक आम समस्या बन चुकी है।
- क्या भवन मालिक को मजदूरों की सुरक्षा की कोई परवाह नहीं थी?
- क्या प्रशासन और श्रम विभाग ऐसे हादसों से आंखें मूंदे बैठा है?
- क्या जमशेदपुर में पहले भी ऐसे हादसे हुए हैं?
भारत में मजदूरों की सुरक्षा का हाल
भारत में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा हमेशा सवालों के घेरे में रही है।
- ILO (International Labour Organization) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल हजारों मजदूर निर्माण कार्यों में अपनी जान गंवाते हैं।
- काम के दौरान हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, दस्ताने और जूते जैसे सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाते।
- कई ठेकेदार मजदूरों को न्यूनतम सुरक्षा सुविधाएं भी नहीं देते, जिससे ऐसे हादसे होते रहते हैं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
यह पहली बार नहीं है जब जमशेदपुर में निर्माण कार्य के दौरान मजदूर हादसे का शिकार हुए हैं।
- 2022 में भी सोनारी इलाके में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम कर रहे दो मजदूर गिर गए थे, जिनमें से एक की मौत हो गई थी।
- 2019 में बागबेड़ा में एक अर्धनिर्मित इमारत में शटरिंग गिरने से 3 मजदूरों की जान चली गई थी।
- लेकिन सवाल यह है कि प्रशासन आखिर कब तक ऐसी लापरवाहियों को नजरअंदाज करता रहेगा?
हादसे के बाद क्या हुआ?
हादसे के बाद भवन मालिक ने आनन-फानन में दोनों मजदूरों को अस्पताल पहुंचाया।
- शिबू का इलाज एमजीएम अस्पताल में चल रहा है।
- श्रीनाथ की हालत गंभीर होने के कारण उसे टीएमएच अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।
- अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस मामले में किसी पर कार्रवाई करेगा?
अब आगे क्या?
यह हादसा एक चेतावनी है कि अगर मजदूरों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ऐसे हादसे बार-बार होते रहेंगे।
- क्या प्रशासन इस मामले में कोई कार्रवाई करेगा?
- क्या भवन मालिक पर लापरवाही का केस दर्ज होगा?
- क्या मजदूरों को भविष्य में सुरक्षा गियर दिया जाएगा?
इस घटना के बाद मजदूरों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। सरकार को कड़े नियम लागू करने चाहिए ताकि मजदूरों की जान बचाई जा सके।
आपका क्या कहना है? क्या ऐसे मामलों में सख्त कानून बनने चाहिए? हमें कमेंट में बताएं।
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