सावन की दूसरी सोमवारी पर अमरप्रीत सिंह काले ने की सुंदरकांड पाठ में शिरकत - जानें इस पावन अवसर की खास बातें!

सावन की दूसरी सोमवारी के पावन अवसर पर अमरप्रीत सिंह खनूजा (काले)जी ने जमशेदपुर के कुम्हार पाड़ा मुरारी चौक पर सुंदरकांड पाठ में हिस्सा लिया। जानिए इस कार्यक्रम की खास बातें और कैसे इसने समाज में धार्मिक भावना को प्रबल किया।

Jul 30, 2024 - 00:43
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सावन की दूसरी सोमवारी पर अमरप्रीत सिंह काले ने की सुंदरकांड पाठ में शिरकत - जानें इस पावन अवसर की खास बातें!
सावन की दूसरी सोमवारी पर अमरप्रीत सिंह खनूजा ने की सुंदरकांड पाठ में शिरकत - जानें इस पावन अवसर की खास बातें!

सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का विशेष समय होता है, जब भक्तगण श्रद्धा और भक्ति से ओत-प्रोत होकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं और महादेव की कृपा पाने का प्रयास करते हैं। इसी कड़ी में सावन की दूसरी सोमवारी के पावन अवसर पर 'श्री श्री मानस सत्संग समिति' द्वारा जमशेदपुर के बाराद्वारी स्थित कुम्हार पाड़ा मुरारी चौक पर एक विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस धार्मिक आयोजन में विशेष अतिथि के रूप में अमरप्रीत सिंह खनूजा  (काले) को शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से भक्तों ने भगवान श्री राम की महिमा का गान किया और अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम के अंत में भोग प्रसाद का भी वितरण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया।

सुंदरकांड पाठ का महत्व

सुंदरकांड, रामचरितमानस का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसे भक्तजन विशेष रूप से पढ़ते और सुनते हैं। यह कांड हनुमानजी की वीरता, भक्ति और समर्पण की कहानियों से भरा हुआ है। इस पाठ का श्रवण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।

इस अवसर पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया, जहां भक्तों ने एक साथ मिलकर भगवान श्री राम और हनुमानजी की स्तुति की। पाठ के दौरान वातावरण भक्तिमय हो उठा और उपस्थित सभी लोगों ने आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया।

अमरप्रीत सिंह खनूजा की उपस्थिति

अमरप्रीत सिंह खनूजा (काले) जी ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और भक्तों के साथ मिलकर भगवान की आराधना की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने समिति के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमें हमारे संस्कृति और धर्म के प्रति जागरूक करते हैं।

भोग प्रसाद का वितरण

कार्यक्रम के अंत में भोग प्रसाद का वितरण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया। भोग प्रसाद के रूप में मीठा भोजन और अन्य धार्मिक सामग्री वितरित की गई, जो सभी के लिए उपलब्ध थी। प्रसाद वितरण के दौरान भक्तों के बीच उत्साह और श्रद्धा का माहौल देखने को मिला।

समारोह की सफलता और धार्मिक भावना

इस पावन अवसर पर हुए कार्यक्रम में शामिल होकर सभी भक्तों ने महादेव की कृपा प्राप्त की। यह कार्यक्रम सभी के लिए एक सकारात्मक और आध्यात्मिक अनुभव था, जिसने लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। इस आयोजन ने समाज के सभी वर्गों को एक साथ आने और एकजुट होकर अपने धर्म और संस्कृति के प्रति समर्पण दिखाने का अवसर प्रदान किया।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।