Bank of Baroda Initiative: कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में बैंक ने की महत्वपूर्ण पहल!
बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने कर्मचारियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए "कर्मचारी सहायता कार्यक्रम" (EAP) शुरू किया है। जानिए इसके फायदे और कैसे यह पहल कर्मचारियों के कल्याण को बढ़ावा दे रही है!
11 जनवरी, 2025: भारत के प्रमुख सरकारी बैंकों में से एक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने अपने कर्मचारियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए एक नई पहल शुरू की है। बैंक ने ट्रूवर्थ वेलनेस के साथ साझेदारी कर अपने "कर्मचारी सहायता कार्यक्रम" (Employee Assistance Program - EAP) को एक नया रूप दिया है। इस पहल का उद्देश्य बैंक के 75,000 से अधिक कर्मचारियों और उनके परिवारों को समग्र मानसिक और शारीरिक कल्याण की सेवा प्रदान करना है।
बैंक ऑफ़ बड़ौदा का यह कर्मचारी सहायता कार्यक्रम कर्मचारियों की मानसिक और भावनात्मक जरूरतों को समझते हुए, उनके समग्र कल्याण को प्राथमिकता देने का प्रयास है। इसके अंतर्गत कर्मचारियों को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न सेवाएं जैसे व्यक्तिगत परामर्श, मानसिक तनाव से निपटने के उपाय, और अन्य स्वास्थ्य संबंधित समाधान दिए जाएंगे।
बैंक का ईएपी कार्यक्रम: कर्मचारियों के लिए क्या खास है?
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कर्मचारी सहायता कार्यक्रम (EAP) की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
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गोपनीय और व्यक्तिगत सहयोग: कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों (पति/पत्नी और बच्चों) के लिए पेशेवर विशेषज्ञों के साथ गोपनीय और नि:शुल्क व्यक्तिगत परामर्श सत्र उपलब्ध हैं। ये सत्र चिंता, अवसाद, तनाव, अकेलापन, और व्यक्तिगत परेशानियों से निपटने में मदद करेंगे।
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परामर्श के विभिन्न माध्यम: बैंक के कर्मचारी अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप वीडियो कॉल, व्यक्तिगत सत्र, या 24x7 हेल्पलाइन के जरिए परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। यह सभी सेवाएं पूरी तरह से गोपनीय और सुरक्षित हैं।
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24/7 एक्सेस: कर्मचारियों को तत्काल सहायता के लिए चौबीस घंटे हेल्पलाइन और वर्चुअल सहायता उपलब्ध है, जिससे वे कभी भी और कहीं भी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
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डिजिटल सपोर्ट: ट्रूवर्थ वेलनेस की "वेलनेस कॉर्नर" मोबाइल ऐप के जरिए उपयोगकर्ता मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन, मूड ट्रैकर, एआई-आधारित वर्चुअल थेरेपी सत्र, और अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं। यह ऐप मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक बेहतरीन उपकरण है।
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संवर्धित और सहयोगी उपकरण: पर्सनल वेलनेस डैशबोर्ड, स्वास्थ्य ट्रैकर और स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं पर छूट जैसी सुविधाएं भी इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं। ये कर्मचारियों को अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उन्नत उपकरण और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के मानव संसाधन और विपणन विभाग के मुख्य महाप्रबंधक शैलेंद्र सिंह का कहना है, "महामारी के दौरान हमने कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पहचाना था। अब हम इस दिशा में और कदम आगे बढ़ाते हुए कर्मचारियों के समग्र कल्याण के लिए एक उन्नत कार्यक्रम लेकर आए हैं। इस पहल के जरिए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे कर्मचारी मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहें, ताकि वे अपने कार्यों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।"
ट्रूवर्थ वेलनेस की भूमिका
ट्रूवर्थ वेलनेस के सह-संस्थापक और सीईओ श्री रोहित चौहान ने इस पहल के महत्व को साझा करते हुए कहा, "हम बैंक ऑफ़ बड़ौदा के साथ इस परिवर्तनकारी कार्यक्रम में साझेदारी करने को लेकर गर्व महसूस करते हैं। यह पहल न केवल कर्मचारियों की मानसिक सेहत पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि उन्हें जीवन के सभी पहलुओं में समृद्धि प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।"
ईएपी के नए पहलू
ईएपी के तहत विशेष ध्यान कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर रहेगा, जिसमें तनाव प्रबंधन, विशेष रूप से ऋण अधिकारियों के लिए, और कार्य स्थल पर महिलाओं के लिए भावनात्मक समर्थन शामिल है। इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य रोड शो और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
यह पहल न केवल कर्मचारियों की व्यक्तिगत सेहत पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि कॉर्पोरेट कल्चर को भी नया दिशा देती है, जहां कर्मचारियों का समग्र स्वास्थ्य एक अहम भूमिका निभाता है। बैंक का यह कदम भारत में कॉर्पोरेट वेलनेस के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित कर रहा है, जहां मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा रही है।
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