बैंक मैनेजर पति को जेल, पत्नी ने लिया बदला
जमशेदपुर दहेज मामला: बैंक मैनेजर पति को जेल, पत्नी ने लिया बदला
दहेज प्रताड़ना के एक मामले में सजायाफ्ता आरोपी पति, आनंद कुमार, जो कि बिहार के ओंरगाबाद निवासी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, मुगलसराय, उत्तर प्रदेश के शाखा प्रबंधक हैं, ने जमशेदपुर कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी जितेंद्र राम की अदालत में आत्मसमर्पण किया। अदालत ने उसे हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
दहेज प्रताड़ना के आरोप
आनंद कुमार के खिलाफ मानगो डिमना चौक निवासी पत्नी पिंकी कुमारी ने मानगो थाने में पति के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने और मारपीट कर घर से भगा देने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। इसमें आरोप था कि उनकी शादी वर्ष 2016 में आनंद कुमार के साथ हुई थी। शादी के बाद ससुराल गई, जहां उसे और दहेज देने के नाम पर प्रताड़ित व मारपीट किया गया। दहेज नहीं देने पर उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया गया था।
निचली अदालत का निर्णय
23 जून 2023 को निचली अदालत ने आनंद को बरी कर दिया था। पीड़िता पिंकी कुमारी के अधिवक्ता त्रिभुवन यादव ने बताया कि जमशेदपुर कोर्ट के तत्कालीन प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी एएन मार्की की अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी पति को संदेह का लाभ देते हुए आरोप से बरी कर दिया था। अदालत के फैसले के खिलाफ पिंकी ने क्रिमिनल अपील दायर की थी।
उच्च न्यायालय की अपील
निचली अदालत से आरोपी पति को बरी कर दिए जाने के विरोध में प्रधान न्यायाधीश के समक्ष एक अपील मामला दायर किया था। अपील मामले में सुनवाई करते हुए एडीजे-4 आनंदमनी त्रिपाठी की अदालत ने आरोपी आनंद कुमार के खिलाफ फैसला सुनाते हुए 29 जून 2024 को दोषी पाया और एक साल का सश्रम कारावास और 10 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया तथा आदेश दिया कि आरोपी एक माह के अंदर निचली अदालत में आत्मसमर्पण करें।
उच्च न्यायालय का आदेश
आनंद ने आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसे हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि पहले वे निचली अदालत में समर्पण करें, उसके बाद ही उनके मामले में सुनवाई करेंगे। तब जाकर आनंद कुमार ने निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
दहेज प्रताड़ना के इस मामले ने दिखाया कि न्याय प्रणाली का अनुसरण करना और सही कदम उठाना कितना महत्वपूर्ण होता है। पिंकी कुमारी की दृढ़ता और न्याय की लड़ाई ने अंततः आरोपी को उसके कृत्य की सजा दिलाई। यह मामला दहेज प्रताड़ना के खिलाफ एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनकर सामने आया है।
What's Your Reaction?