सावधान! भारतीय बैंकिंग में बड़ा बदलाव, अब सभी बैंक कॉल शुरू होंगे '160' से – जानें कैसे बचें धोखाधड़ी से!
जानें भारतीय बैंकिंग में हुए इस नए बदलाव के बारे में जिससे बैंकिंग धोखाधड़ी पर लगेगी रोक! अब सभी बैंक कॉल्स शुरू होंगे '160' से। सुरक्षित रहें और इन जरूरी बातों को जरूर जानें।
बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय सरकार ने एक नया और सख्त कदम उठाया है। अब सभी बैंक और वित्तीय संस्थाओं के कॉल्स एक विशेष नंबर से शुरू होंगे: ‘160’। इसका सीधा मतलब है कि अब बैंक से जुड़ी किसी भी कॉल का नंबर ‘160’ से शुरू होना चाहिए, और अगर ऐसा नहीं है, तो वह कॉल फ्रॉड हो सकता है। इस ऐतिहासिक कदम से बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी, और लोग अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख पाएंगे।
बैंकिंग फ्रॉड के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
पिछले कुछ सालों में बैंकिंग फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। डिजिटल बैंकिंग और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बढ़ते उपयोग के साथ, धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है। आए दिन लोग जालसाजी का शिकार बनते हैं, जिनमें उन्हें फ़र्जी कॉल्स के ज़रिए उनके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। इन्हीं घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने यह खास कदम उठाया है ताकि बैंक कॉल्स में पारदर्शिता रहे और लोग आसानी से पहचान सकें कि उनके बैंक से संबंधित कॉल्स विश्वसनीय हैं या नहीं।
क्यों है यह '160' नंबर जरूरी?
‘160’ से शुरू होने वाले नंबर से कॉल्स करना सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी कॉल का नंबर ‘160’ से शुरू नहीं हो रहा है, तो वह कॉल संदिग्ध हो सकता है। इससे लोगों को धोखाधड़ी कॉल्स की पहचान करने में आसानी होगी। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने इस बदलाव को सभी बैंकों पर लागू करने का निर्देश जारी किया है, ताकि ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
कैसे पहचानें सुरक्षित बैंक कॉल्स?
इस नियम के तहत, अब हर बैंकिंग कॉल '160' नंबर से शुरू होगी, और यह नंबर कॉल की पहचान को सुनिश्चित करेगा। लेकिन इसके बावजूद भी, अगर कॉलर आपसे किसी भी संवेदनशील जानकारी जैसे कि OTP, पिन, पासवर्ड, या बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारी मांगता है, तो सतर्क रहें। बैंक कभी भी ऐसी जानकारियाँ कॉल पर नहीं मांगते हैं। अगर आपको किसी कॉल पर शक होता है, तो सबसे बेहतर तरीका है कि कॉल को तुरंत काट दें और अपने बैंक की आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर से संपर्क करें।
यह कदम क्यों है जरूरी?
भारत में डिजिटल लेन-देन और बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के साथ-साथ, फ्रॉड करने वाले लोग भी नए-नए तरीके इजात कर रहे हैं। पहले भी भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थाओं ने ग्राहकों को जागरूक किया है कि वे अपने बैंकिंग से जुड़ी किसी भी जानकारी को कॉल पर साझा न करें, खासकर उन कॉल्स पर जिनमें अज्ञात व्यक्ति जानकारियाँ मांग रहे हों। ‘160’ नंबर की शुरुआत से अब कॉल्स का पहचान करना आसान हो गया है, जिससे ग्राहक खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
इस बदलाव से होने वाले मुख्य लाभ:
- विश्वसनीयता बढ़ेगी: ग्राहक आसानी से पहचान सकेंगे कि कॉल बैंक से है या नहीं।
- धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा: ग्राहकों को फर्जी कॉल्स की पहचान करने में आसानी होगी।
- जागरूकता में बढ़ोतरी: इससे ग्राहकों को अपनी सुरक्षा के प्रति और ज्यादा सतर्क रहने में मदद मिलेगी।
अभी से रखें इन बातों का ध्यान:
- '160' से शुरू होने वाले कॉल्स पर ही विश्वास करें।
- OTP, पिन, या बैंकिंग डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें।
- फ्रॉड कॉल्स की तुरंत सूचना अपने बैंक को दें।
- सभी बैंकिंग और वित्तीय कॉल्स की जानकारी बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर भी देखें।
इस पहल के माध्यम से सरकार ने ग्राहकों की सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह एक ऐसा बदलाव है जो बैंकिंग फ्रॉड को रोकने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसलिए, अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस जानकारी को जरूर साझा करें ताकि वे भी बैंकिंग धोखाधड़ी से सुरक्षित रह सकें।
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