यूक्रेन संघर्ष को लेकर पीएम मोदी चिंतित, ज़ेलेंस्की के साथ बैठक में समाधान की प्रतिबद्धता दिखी: विदेश सचिव विक्रम मिस्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन संघर्ष को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ उनकी बैठक इस संघर्ष के समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक ने एक बार फिर यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की गहरी चिंता को सामने रखा। भारत की विदेश नीति में हमेशा से शांति, संवाद, और कूटनीति का समर्थन रहा है, और पीएम मोदी की इस बैठक ने इस दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे के समापन के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस बैठक के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन संघर्ष को लेकर चिंता:
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। उनके अनुसार, पीएम मोदी का मानना है कि यह संघर्ष न केवल यूक्रेन और रूस बल्कि पूरे विश्व पर असर डाल रहा है। भारत जैसे देशों के लिए शांति और स्थिरता महत्वपूर्ण है, और इसी कारण भारत ने हमेशा कूटनीति और संवाद के माध्यम से समाधान खोजने पर जोर दिया है।
ज़ेलेंस्की के साथ बैठक: समाधान की दिशा में एक और कदम
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच हुई यह बैठक अंतरराष्ट्रीय समुदाय में शांति और स्थिरता की दिशा में भारत की पहल को दर्शाती है। पीएम मोदी ने इस बैठक में ज़ोर दिया कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही संभव है। उन्होंने ज़ेलेंस्की से स्पष्ट किया कि भारत एक तटस्थ भूमिका निभाते हुए शांति वार्ता का समर्थन करता है और भविष्य में भी इसी दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विदेश सचिव मिस्री ने कहा, "हम शांति और संवाद के रास्ते का समर्थन करते हैं, और यह भूमिका हमारे लिए स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री की राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ यह बैठक उनके इस प्रयास की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"
भारत की शांति की दिशा में प्रतिबद्धता:
भारत ने यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही अपनी स्थिति स्पष्ट की है। भारत ने युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक मार्गों पर जोर दिया है। पीएम मोदी ने कई बार रूस और यूक्रेन दोनों से शांति वार्ता करने का आग्रह किया है, और यह बैठक भी उसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
विदेश सचिव मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री का संदेश साफ है कि शांति और स्थिरता के बिना किसी भी राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। उन्होंने ज़ेलेंस्की को आश्वस्त किया कि भारत इस दिशा में सक्रिय रहेगा और हरसंभव मदद करेगा।"
विश्व स्तर पर भारत की भूमिका:
भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय भूमिका ने उसे यूक्रेन संघर्ष जैसे संवेदनशील मुद्दों पर महत्वपूर्ण स्थान दिया है। भारत ने इस संघर्ष में मानवाधिकारों, ऊर्जा संकट, और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों के बारे में गंभीर चिंता जताई है। न्यूयॉर्क में ज़ेलेंस्की के साथ पीएम मोदी की यह बैठक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सक्रिय भूमिका को और मजबूत करती है।
शांति और कूटनीति की महत्ता:
यह बैठक यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए शांति और कूटनीति की महत्ता पर बल देती है। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि किसी भी विवाद का समाधान केवल हथियारों के बल पर नहीं, बल्कि संवाद और समझौते के माध्यम से होना चाहिए। भारत ने लगातार संघर्ष के पक्षों से आग्रह किया है कि वे बातचीत की मेज पर आएं और एक स्थायी समाधान खोजें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन संघर्ष को लेकर गंभीर रुख और उनकी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ बैठक यह दर्शाती है कि भारत इस संकट के समाधान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत की विदेश नीति शांति, संवाद, और स्थिरता पर केंद्रित है, और यह बैठक उसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यूक्रेन युद्ध का समाधान सिर्फ कूटनीति और संवाद से ही संभव है, और भारत इस प्रयास में एक सक्रिय भागीदार रहेगा।
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