Nepal Protest : नेपाल में युवाओं का हीरो, क्या वे संभालेंगे देश की बागडोर?

नेपाल में जेन-जेड आंदोलन के केंद्र बने काठमांडू के मेयर बालेन शाह। युवाओं ने उन्हें देश का नेतृत्व सौंपने की मांग उठाई है। क्या वे प्रधानमंत्री बनेंगे? पूरी खबर पढ़ें।

Sep 9, 2025 - 18:11
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Nepal Protest : नेपाल में युवाओं का हीरो, क्या वे संभालेंगे देश की बागडोर?
Nepal Protest : नेपाल में युवाओं का हीरो, क्या वे संभालेंगे देश की बागडोर?

नेपाल इन दिनों भारी उथल-पुथल से गुजर रहा है। लाखों छात्र और युवा सड़कों पर उतर आए हैं। संसद भवन को घेर लिया गया है और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। इसी बीच काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह, जिन्हें बालेन शाह के नाम से जाना जाता है, युवाओं के बीच नायक बनकर उभरे हैं। उनका समर्थन मिलते ही यह आंदोलन और तेज हो गया है।

बालेन शाह का प्रभाव नेपाल में युवाओं के बीच काफी है। टाइम मैगजीन ने उन्हें 2023 की दुनिया की टॉप 100 प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल किया था। वहीं द न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे बड़े मीडिया संस्थानों ने भी उनकी चर्चा की है। सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनते हैं। उनकी जीवनशैली और सोच नेपाल के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

इंजीनियर से रैपर और फिर मेयर तक का उनका सफर प्रेरणादायक है। पहले वे सिविल इंजीनियर थे। फिर रैपर बने और बाद में राजनीति में कदम रखा। काठमांडू के मेयर बनते ही उन्होंने पारंपरिक नेताओं से अलग पहचान बनाई। युवाओं में पारंपरिक राजनीतिक दलों से बढ़ती निराशा ने उन्हें और लोकप्रिय बना दिया।

बालेन शाह ने 2023 में आई फिल्म ‘आदिपुरुष’ के डायलॉग्स पर भी विरोध जताया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि आपत्तिजनक संवाद नहीं हटे तो नेपाल में भारतीय फिल्में नहीं चलने देंगे।

इस बार आंदोलन की शुरुआत #Nepokid ट्रेंड से हुई। राजनेताओं के बच्चों की असाधारण जीवनशैली के खिलाफ युवाओं ने विरोध शुरू किया। सरकार ने सोशल मीडिया पर नियंत्रण लगाने की कोशिश की, लेकिन जेन-जेड ने देशभर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस की कठोर कार्रवाई में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई। काठमांडू में ही 18 प्रदर्शनकारी मारे गए।

बालेन शाह ने इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया। फेसबुक पर उन्होंने लिखा कि वे आयोजकों द्वारा तय आयु सीमा के कारण रैली में शामिल नहीं हो सकते, फिर भी युवाओं की आवाज उनके लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह एक स्वतःस्फूर्त आंदोलन है और राजनीतिक दलों को इसका उपयोग अपने स्वार्थ के लिए नहीं करना चाहिए।

आंदोलन के समर्थन में युवाओं ने प्रधानमंत्री ओली से इस्तीफा देने और बालेन शाह को देश की कमान सौंपने की मांग तेज कर दी है। सोशल मीडिया पर #BalendraForPM ट्रेंड कर रहा है। बालेन शाह की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है और लोग उन्हें नई राजनीति की उम्मीद के तौर पर देख रहे हैं।

यह संघर्ष पहले से ही गहरा है। काठमांडू के 3,500 से अधिक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। शिक्षकों को भी चार महीने से वेतन नहीं मिला। लेबर बैंक के कर्मचारी नौकरी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बालेन शाह ने सरकारी नीतियों का विरोध किया और अवैध कब्जों के खिलाफ कदम उठाए।

इस बीच प्रधानमंत्री ओली और बालेन के बीच टकराव और तेज हो गया है। अब देखना यह है कि क्या बालेन शाह नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने वाले हैं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।