दीपावली की अनोखी पहल: बागबेड़ा में बच्चों की मुस्कान बनी ‘अर्पण’ परिवार की सौगात
जमशेदपुर की सामाजिक संस्था 'अर्पण' ने दीपावली के अवसर पर बागबेड़ा के बच्चों के बीच नई खुशी बांटी। जानिए कैसे इस पहल ने बच्चों की दीपावली को यादगार बनाया।
जमशेदपुर, बागबेड़ा (02 नवंबर 2024): जमशेदपुर की सामाजिक संस्था ‘अर्पण’ परिवार ने इस दीपावली का जश्न बच्चों की मुस्कान के साथ मनाने की एक नई पहल की। निरंतर दूसरे दिन, 'अर्पण' परिवार ने बागबेड़ा स्थित राजकीय जय हिन्द बालिका मध्य विद्यालय में बच्चों के बीच दीपावली की खुशियां बांटी, जहां उन्होंने बच्चों को नए कपड़े और पटाखे वितरित किए। इस अनोखी पहल से बच्चों के चेहरे पर खिली मुस्कान ने आयोजन को एक विशेष और भावनात्मक रंग दे दिया।
अर्पण परिवार का सफर और उद्देश्य
‘अर्पण’ परिवार की स्थापना का उद्देश्य समाज के उन वर्गों तक खुशियां पहुंचाना है, जो अक्सर त्योहार की चमक से दूर रह जाते हैं। पिछले 9 वर्षों से अर्पण परिवार दीपावली के मौके पर न केवल जमशेदपुर बल्कि आसपास के इलाकों के बच्चों की दीपावली को यादगार बनाने में जुटा है। इस साल का आयोजन भी इसी भावना का प्रतीक है, जिसमें बच्चों को त्योहार से जोड़ने का एक खास प्रयास किया गया है।
त्योहार का असली आनंद - मुस्कान और खुशियों का संचार
अर्पण परिवार के सदस्यों का मानना है कि बच्चों की मासूम मुस्कान ही त्योहार की असली रौनक है। संस्था के सदस्य जूगुन पांडे, बिभाष मजुमदार, दीपक सिंह, मनीष सिंह, घनश्याम भिरभरिया, शेखर मुखी, सरबजीत सिंह टोबी, सूरज चौबे, लख्खिकांत घोष, अनूप तिवारी, राम, आकाश कुमार, विकास कुमार और सौरव रजक ने इस मौके पर बच्चों के चेहरे पर खुशियों की चमक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संस्था के सदस्यों ने बच्चों के बीच जाकर उन्हें विशेष अनुभव दिया, और नए कपड़े और पटाखों के माध्यम से उनकी दीपावली को खास बनाया।
बच्चों के चेहरे पर उत्सव की चमक
बागबेड़ा के इस आयोजन में बच्चों ने जिस उत्साह से भाग लिया, वह दृश्य अत्यंत हृदयस्पर्शी था। नए कपड़े पाकर और पटाखे पाकर बच्चों के चेहरे पर जो खुशी दिखाई दी, वह इस आयोजन का सबसे खास पहलू था। इस छोटे से प्रयास ने बच्चों को न सिर्फ दीपावली के माहौल में सम्मिलित किया, बल्कि उनके भीतर त्योहार के असली आनंद का संचार भी किया।
दीपावली में सामाजिक समर्पण की मिसाल
अर्पण परिवार का यह प्रयास समाज में एक प्रेरणा है कि त्योहारों का असली मतलब केवल व्यक्तिगत खुशी नहीं, बल्कि एक-दूसरे के जीवन में खुशियों का संचार करना है। इस आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि छोटी-छोटी खुशियां कैसे बड़े बदलाव ला सकती हैं। समाज के हर वर्ग को साथ लेकर त्योहारों का आनंद मनाना ही वास्तविक उत्सव है।
बच्चों के लिए भविष्य की उम्मीद
अर्पण परिवार के इस आयोजन ने न केवल बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाई बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी छोड़ा कि यदि हम अपने आसपास के जरूरतमंदों को अपनी खुशियों में सम्मिलित करें, तो त्योहार का असली मजा कुछ और ही होता है। इस छोटे से प्रयास ने बच्चों के जीवन में एक बड़ी आशा का संचार किया है और उन्हें समाज के साथ जोड़कर उनके मन में एक विशेष एहसास दिलाया।
समाज सेवा के क्षेत्र में ‘अर्पण’ की प्रेरणा
जमशेदपुर और आस-पास के क्षेत्रों में ‘अर्पण’ परिवार ने समाज सेवा की दिशा में एक नजीर पेश की है। संस्था ने यह साबित किया है कि छोटे-छोटे प्रयास भी समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
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