छात्र हितों की मांगों को लेकर एआईडीएसओ का खुला अधिवेशन: डीसी कार्यालय से सीएम को सौंपा ज्ञापन
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (एआईडीएसओ) ने पूर्वी सिंहभूम में 8वें जिला सम्मेलन के तहत छात्रों की समस्याओं को लेकर डीसी कार्यालय से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। जानिए उनकी प्रमुख मांगें और विरोध प्रदर्शन का विवरण।
जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम: ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (एआईडीएसओ) ने पूर्वी सिंहभूम जिले में 8वां जिला सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन के तहत, संगठन ने छात्रों की विभिन्न समस्याओं को लेकर खुला अधिवेशन आयोजित किया और डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपा। इस विरोध प्रदर्शन में करीब 80 छात्र शामिल हुए, जिन्होंने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रमुख मांगें:
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कोल्हान यूनिवर्सिटी में जेनेरिक पेपर्स की समीक्षा:
छात्रों ने कोल्हान यूनिवर्सिटी के जेनेरिक पेपर्स की समीक्षा की मांग की है। उनके अनुसार, सरकारी स्तर पर नौकरी के लिए आवेदन करते समय उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि जेनेरिक पेपर्स की सही तरीके से समीक्षा नहीं की गई है। -
प्राइवेट कॉलेजों और स्कूलों में फीस वृद्धि:
छात्रों ने प्राइवेट कॉलेजों और स्कूलों में बढ़ती फीस पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि गरीब छात्र इस बढ़ी हुई फीस का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं, जिससे उनकी शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। -
मुफ्त बस सेवा की मांग:
पूर्वी सिंहभूम जिले में छात्रों के लिए मुफ्त बस सेवा की मांग की गई है, जिससे वे आसानी से अपने शिक्षा संस्थानों तक पहुंच सकें। -
वीर सपूतों की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग:
छात्रों ने झारखंड के वीर सपूतों की जीवनी को स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे युवा पीढ़ी में देश प्रेम और उनके बलिदानों के प्रति सम्मान का भाव जागृत होगा।
छात्रों का बयान:
पूर्वी सिंहभूम कार्यालय के सचिव, सुभम कुमार झा ने इस विरोध प्रदर्शन के बारे में हमारे संवाददाता बृज मोहन शाह को बताया कि छात्रों की ये मांगें उनकी शिक्षा और भविष्य से संबंधित हैं और इन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो एआईडीएसओ छात्रों के हित में बड़े आंदोलन की योजना बना सकता है।
एआईडीएसओ का यह विरोध प्रदर्शन छात्र हितों की आवाज को बुलंद करने का प्रयास है। यह स्पष्ट है कि छात्रों की मांगें उनके भविष्य और शिक्षा से सीधे जुड़ी हैं, और सरकार को इस दिशा में तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है।
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