जमशेदपुर में एक्सएलआरआई का क्रोनोस 4.0 सीएचआरओ कॉन्क्लेव सफलतापूर्वक संपन्न: एचआर में भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा
एक्सएलआरआई जमशेदपुर में क्रोनोस 4.0 सीएचआरओ कॉन्क्लेव का समापन हुआ, जहां एचआर के क्षेत्र में बेस्ट प्रैक्टिस और भविष्य की चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई।
जमशेदपुर, 2 सितंबर: एक्सएलआरआई जमशेदपुर में सीएचआरओ कॉन्क्लेव "क्रोनोस 4.0" का सफलतापूर्वक समापन हो गया। इस कॉन्क्लेव में दुनिया भर की कंपनियों के एचआर विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और एचआर के क्षेत्र में होने वाली बेस्ट प्रैक्टिस पर चर्चा की। इस बार क्रोनोस का थीम था "एचआर फॉर द मॉर्डन लीडर: ब्रिजिंग द गैप बिटविन एचआर एंड नॉन एचआर फंक्शंस"।
कॉन्क्लेव का उद्घाटन एक्सएलआरआई के डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर डॉ. संजय पात्रो और एसोसिएट डीन डॉ. पीसी प्रधान ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्रोफेसर डॉ. संजय पात्रो ने सभी वक्ताओं का स्वागत किया और एचआर सेक्टर में हो रहे महत्वपूर्ण बदलावों पर एक्सएलआरआई की पहल के बारे में जानकारी दी।
पहले पैनल डिस्कशन का विषय "कैंपस हायरिंग वर्सेस मार्केट हायरिंग: स्ट्रेटेजिक डिफरेंस एंड बेनिफिट्स" था। इस सत्र में एयरबस इंडिया के एचआर हेड सूरज छेत्री, सीटी के सीनियर वीपी एचआर श्रुति श्रीवास्तव पवार, एक्सेस एसेट मैनेजमेंट के एचआर हेड हिमांशु मिश्रा, एक्सपर्ट ट्रेडिंग ग्रुप के टैलेंट मैनेजमेंट एंड एल एंड डी हेड बिन्नी दावसन, और केपीएमजी इंडिया के टीए हेड मिसाल ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
सूरज छेत्री ने कहा कि कैंपस हायरिंग का फायदा यह है कि आप नए कर्मचारियों को उनके काम शुरू करने से पहले ही जान सकते हैं। श्रुति श्रीवास्तव पवार ने कहा कि कंपनी की कार्य संस्कृति को बनाए रखने में एचआर का अहम योगदान होता है। हिमांशु मिश्रा ने कहा कि कैंपस हायर और मार्केट हायर में बड़ा अंतर होता है। कैंपस हायर के जरिये चयनित कर्मचारी सीखने के लिए अधिक उत्सुक होते हैं। बिन्नी दावसन ने प्रैक्टिकल नॉलेज की आवश्यकता पर जोर दिया और मार्केट हायरिंग के महत्व को रेखांकित किया। मिसाल ने कहा कि किसी भी हायरिंग में 70% उम्मीदवार की योग्यता और 30% उसके स्किल पर ध्यान दिया जाता है।
दूसरे दिन, पैनल डिस्कशन का मुख्य विषय "डाटा ड्रिवन एचआर सिस्टम" था। इस सत्र में वेदांता के सीएचआरओ दिलीप सिन्हा, सदरलैंड ग्लोबल की एचआर हेड रेणु जेठानी, कोकीयो कैमलिन लिमिटेड के सीएचआरओ डॉ. चंद्रशेखर पी देशमुख, तेजस नेटवर्क के सीएचआरओ अभिजात मित्रा, और यूनिटी बैंक के सीएचआरओ दीपू भट्टाचार्या ने अपने अनुभव साझा किए।
क्रोनोस 4.0 कॉन्क्लेव में चर्चा का मुख्य बिंदु यह था कि आने वाले समय में एचआर की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी। एचआर में एआई और डेटा की बढ़ती दखल के साथ, एचआर पेशेवरों को नई तकनीकों और तरीकों को अपनाना होगा। इस कॉन्क्लेव ने सभी प्रतिभागियों को एचआर क्षेत्र में नए विचारों और दृष्टिकोणों से अवगत कराया।
What's Your Reaction?