Vishrampur Celebration: जनता के बीच "बेटा" बने विधायक नरेश प्रसाद सिंह का ऐतिहासिक स्वागत
विश्रामपुर में नव निर्वाचित विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने जनता से वादा किया कि विधायकगिरी के साथ उनकी निजी संपत्ति का 25-30% विकास कार्यों में खर्च होगा। स्वागत समारोह में जनता का अद्वितीय जोश।
विश्रामपुर, झारखंड: भारतीय राजनीति में मिसाल कायम करते हुए, विश्रामपुर क्षेत्र के नव निर्वाचित विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने जनता का दिल जीत लिया है। एक नेता के तौर पर नहीं, बल्कि क्षेत्र के बेटे के रूप में उनका स्वागत किया गया। उनकी विनम्रता और विकासशील दृष्टिकोण ने जनता को गहराई तक प्रभावित किया है।
जहां-जहां से विधायक का काफिला गुजरा, वहां फूल-मालाओं, ढोल-नगाड़ों और जयकारों की गूंज सुनाई दी। पूरे प्रखंड में उत्सव का माहौल बना हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त स्वागत
मझिआंव और बरडीहा प्रखंड के गांवों, जैसे पुरहे, देवनकरा, बालूगंज, टरहे, झपही, सोनपुरवा देवी धाम, जतरो, कुशुमवादामर, और अन्य स्थानों पर जनता ने ऐतिहासिक उत्साह के साथ अपने विधायक का स्वागत किया।
- सड़कों पर उमड़ी भीड़: जहां से विधायक का काफिला गुजरा, वहां हजारों लोगों की भीड़ उनका स्वागत करने के लिए उमड़ी।
- भावुक ग्रामीण: ग्रामीणों ने उन्हें नेता के बजाय "अपने क्षेत्र का बेटा" बताया।
जनता के लिए विधायक का बड़ा वादा
नव निर्वाचित विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने जनता के सामने अपने मिशन और वादों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा:
- वेतन और विधायक निधि का समर्पण: "विधायकगिरी के तमाम पैसे और मेरा वेतन भी जनता का है।"
- निजी धन का उपयोग: "मैं अपनी निजी आय का 25-30% क्षेत्र के विकास और जन कल्याण के कार्यों में खर्च करूंगा।"
- विकास को प्राथमिकता: जनता के अपार समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने हर गांव, हर सड़क और हर गली को चमकाने का वादा किया।
इतिहास में ऐसा पहली बार!
भारतीय राजनीति के इतिहास में ऐसी घटना दुर्लभ है, जहां एक विधायक ने सार्वजनिक रूप से निजी धन का इतना बड़ा हिस्सा क्षेत्र के विकास के लिए देने की घोषणा की हो। यह कदम न केवल उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि राजनीति में पारदर्शिता और जनता के प्रति सेवा भावना का नया मानक भी स्थापित करता है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों में विधायक के इस कदम को लेकर जबर्दस्त उत्साह है।
- रामेश्वर चौधरी, एक स्थानीय निवासी ने कहा, "पहली बार ऐसा विधायक देखा है जो वाकई जनता का बेटा बनकर काम करने आया है।"
- सुनीता देवी ने कहा, "ऐसा वादा किसी और नेता में करने की हिम्मत नहीं है। ये हमारे क्षेत्र के लिए सौभाग्य है।"
नेता से बेटा बनने की कहानी
विधायक बनने से पहले नरेश प्रसाद सिंह ने निजी खर्च से क्षेत्र में 10 वर्षों तक लगातार विकास कार्य किए। यह उनकी जमीनी पकड़ और जनता के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
- सड़क निर्माण
- ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विकास
- युवाओं को रोजगार दिलाने के प्रयास
इन कामों ने उन्हें जनता के दिलों में जगह दिलाई और आखिरकार उन्हें विधायक की कुर्सी तक पहुंचाया।
जनता ने गढ़ा नया राजनीतिक मील पत्थर
विश्रामपुर की जनता ने न केवल अपने लिए एक नेता चुना, बल्कि राजनीति में सेवा और समर्पण की नई मिसाल भी कायम की। नरेश प्रसाद सिंह का यह ऐलान और उनका अब तक का काम उन्हें एक अलग स्थान पर खड़ा करता है।
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