USAID Funding :ट्रंप प्रशासन के फैसले से भारत को बड़ा झटका! USAID की आर्थिक सहायता पर संकट

क्या USAID की मदद बंद होने से भारत की स्वास्थ्य और पर्यावरणीय योजनाएं खतरे में हैं? ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से भारत को कितना नुकसान होगा? जानिए विस्तार से।

Feb 7, 2025 - 18:47
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USAID Funding :ट्रंप प्रशासन के फैसले से भारत को बड़ा झटका! USAID की आर्थिक सहायता पर संकट
USAID Funding :ट्रंप प्रशासन के फैसले से भारत को बड़ा झटका! USAID की आर्थिक सहायता पर संकट

नई दिल्ली: अमेरिका की प्रतिष्ठित विदेशी सहायता एजेंसी USAID (United States Agency for International Development) द्वारा भारत को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने इस एजेंसी को बंद करने का निर्देश दिया है, जिससे भारत की स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक परियोजनाओं को तगड़ा झटका लग सकता है। इस फैसले के बाद USAID की आधिकारिक वेबसाइट भी ऑफलाइन हो गई है, जिससे आशंका गहरी हो गई है कि अमेरिका भारत को दी जाने वाली वित्तीय सहायता पूरी तरह समाप्त कर सकता है

USAID की भारत को मिलने वाली सहायता में भारी गिरावट

USAID भारत में कई विकास योजनाओं को आर्थिक मदद देता रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें गिरावट देखने को मिली है:

  • 2022: $228.2 मिलियन (₹19,000 करोड़) – सबसे अधिक
  • 2023: $175.7 मिलियन (₹14,600 करोड़)
  • 2024: $150 मिलियन (₹12,500 करोड़)
  • 2025: सहायता बंद होने की आशंका

एलन मस्क के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने USAID को पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया है, जिससे भारत को भविष्य में यह आर्थिक सहायता नहीं मिल पाएगी।

इतिहास: USAID की मदद पर पहले भी होते रहे हैं बदलाव

यह पहली बार नहीं है जब USAID की सहायता में कटौती हो रही है। इससे पहले भी अलग-अलग अमेरिकी राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में भारत को दी जाने वाली सहायता में बदलाव देखा गया था:

  • 2001-2008 (जॉर्ज बुश): औसतन $142 मिलियन (₹11,800 करोड़)
  • 2009-2016 (बराक ओबामा): $89.8 मिलियन (₹7,500 करोड़)
  • 2016-2020 (डोनाल्ड ट्रंप का पहला कार्यकाल): $87.1 मिलियन (₹7,200 करोड़)
  • 2021-2024 (जो बाइडेन): $162.6 मिलियन (₹13,500 करोड़)

अब ट्रंप 2.0 प्रशासन में USAID को पूरी तरह खत्म करने का फैसला लिया गया है, जिससे भारत की कई योजनाओं पर असर पड़ेगा।

भारत पर प्रभाव: स्वास्थ्य और पर्यावरण परियोजनाओं को भारी नुकसान

USAID से मिलने वाली सहायता में कटौती का सबसे बड़ा असर स्वास्थ्य और पर्यावरण परियोजनाओं पर पड़ने वाला है:

  • 2023 में मिले $175.7 मिलियन (₹14,600 करोड़) में से:
    • 69% यानी $120 मिलियन (₹10,000 करोड़) स्वास्थ्य परियोजनाओं पर खर्च हुए।
    • $9.6 मिलियन (₹800 करोड़) पर्यावरण संरक्षण पर।
    • $14 मिलियन (₹1,200 करोड़) सामाजिक और बुनियादी ढांचा विकास पर।

अब USAID की मदद पूरी तरह बंद होने से टीकाकरण कार्यक्रम, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन नीतियां और सामाजिक विकास परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।

क्या भारत को अब आत्मनिर्भर बनना होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि USAID की मदद बंद होने से भारत को स्वास्थ्य और पर्यावरणीय योजनाओं के लिए वैकल्पिक वित्तीय स्रोत खोजने होंगे। भारतीय सरकार को स्वदेशी संसाधनों और निजी निवेश पर अधिक ध्यान देना होगा ताकि यह नुकसान कम किया जा सके।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।