टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में छात्रों का सशक्त अभिनय, जानें कैसे नुक्कड़ नाटक ने दी पर्यावरण संरक्षण की सीख!
जमशेदपुर के टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में छात्रों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। जानें कैसे ये युवा कलाकार समाज को जागरूक कर रहे हैं।
छात्रों के दमदार नुक्कड़ नाटक से टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में गूंजा पर्यावरण संरक्षण का संदेश
जमशेदपुर, 29 सितंबर 2024: क्या हम अपनी रोज़मर्रा की आदतों से पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं? यही सवाल उठाया गया टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में आयोजित एक विशेष नुक्कड़ नाटक के माध्यम से, जिसमें केरला पब्लिक स्कूल कदमा के 11 प्रतिभाशाली छात्रों ने अपनी सशक्त प्रस्तुति से दर्शकों को झकझोर दिया। स्वच्छता और सस्टेनेबल अभ्यासों पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित इस नाटक ने दर्शकों के दिलों में एक नया संदेश छोड़ दिया।
छात्रों की प्रस्तुति से उभरा स्वच्छता का महत्व
नुक्कड़ नाटक की इस रचनात्मक पहल में छात्रों ने स्वच्छता, कचरा प्रबंधन और सस्टेनेबल जीवनशैली के महत्व पर जोर देते हुए अद्भुत अभिनय किया। इस प्रस्तुति में बताया गया कि किस प्रकार छोटी-छोटी आदतें, जैसे कचरे को स्रोत पर अलग करना, प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाना और सामुदायिक स्वच्छता को प्राथमिकता देना, पर्यावरण को सुधारने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। छात्रों के अभिनय ने यह साफ किया कि यदि हम सब मिलकर इन आदतों को अपनाएं, तो हमारी धरती को प्रदूषण से बचाया जा सकता है।
इस नाटक का आयोजन टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क के डेप्युटी डायरेक्टर डॉ. नईम अख्तर, केरला पब्लिक स्कूल कदमा के हरि लाल भुसाल और अनीता रजक के मार्गदर्शन में किया गया। रोटेरियन डॉ. विजया भरत और रोटेरियन लक्ष्मी शरथ ने इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करने और आयोजन को सफल बनाने में मदद की।
कचरे से पर्यावरण संकट तक - हर समस्या पर रोशनी डाली
नाटक में कचरा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचारोत्तेजक प्रस्तुति दी गई। इसमें दिखाया गया कि कैसे कचरे को सही तरीके से निपटाना और पुनर्चक्रण करना न केवल पर्यावरण को बचाने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। छात्रों ने बताया कि कचरे को स्रोत पर ही अलग करना हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के फायदे पर भी जोर दिया और दर्शकों से यह अपील की कि वे अपने जीवन में पर्यावरण हितैषी विकल्पों को अपनाएं।
डेप्युटी डायरेक्टर ने युवाओं को दी प्रेरणा
टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क के डेप्युटी डायरेक्टर, डॉ. नईम अख्तर ने छात्रों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की पहलें युवाओं में जिम्मेदारी की भावना पैदा करने में मदद करती हैं। उन्होंने कहा, "स्वच्छता और सस्टेनेबिलिटी की ओर बढ़ते ये कदम आने वाले भविष्य के लिए बेहद जरूरी हैं। युवाओं को इस दिशा में प्रेरित करना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।"
हफ्तों की मेहनत और समर्पण का परिणाम
छात्रों ने इस नाटक की तैयारी में हफ्तों की कड़ी मेहनत और समर्पण दिखाया। उनके मार्गदर्शक हरि लाल भुसाल और अनीता रजक ने न केवल उनके अभिनय को बेहतर बनाने में मदद की, बल्कि उन्हें कचरा प्रबंधन के गहन पहलुओं को भी समझने का मौका दिया। इस दौरान छात्रों ने नाटक के हर हिस्से में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सस्टेनेबिलिटी का संदेश फैलाने की कोशिश
इस नुक्कड़ नाटक के माध्यम से टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क और केरला पब्लिक स्कूल कदमा ने स्पष्ट रूप से यह दिखाया है कि कैसे युवा पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज में सस्टेनेबल विकास की सोच को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण जरिया हैं। वर्तमान पर्यावरणीय संकट के दौर में, यह जरूरी है कि हम सभी अपने योगदान को समझें और इसे बेहतर बनाने का प्रयास करें।
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