कुणाल षाड़ंगी की पुनर्निर्माण संकल्प यात्रा में उभरकर आए बहरागोड़ा के अनदेखे सच, ग्रामीणों की समस्याओं पर विधायक की खिंचाई!
बहरागोड़ा के गोपालपुर पंचायत में पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की पुनर्निर्माण संकल्प यात्रा में सामने आई ग्रामीणों की अनदेखी समस्याएं। जानें कैसे दयनीय बिजली, सड़क और पेयजल संकट से जूझ रहे हैं स्थानीय लोग।
ग्रामीणों की अनदेखी: कुणाल षाड़ंगी की पुनर्निर्माण संकल्प यात्रा में उभरकर आए बहरागोड़ा के अनदेखे सच
रविवार को पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की पुनर्निर्माण संकल्प यात्रा बहरागोड़ा प्रखंड के गोपालपुर पंचायत के विभिन्न गांवों में पहुंची। ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर पूर्व विधायक का गर्मजोशी से स्वागत किया और अपनी समस्याओं को खुलकर उनके सामने रखा। लेकिन इस यात्रा में जो खुलासे हुए, वे किसी भी सरकार या विधायक के लिए आंखें खोल देने वाले हैं।
गोपालपुर के लोग - विकास के नाम पर छलावा
गोपालपुर के ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में विकास के नाम पर आज तक कुछ खास नहीं हुआ है। बिजली की स्थिति बेहद दयनीय है, सड़कों की हालत खस्ता है, और पेयजल की समस्या तो एक लंबे समय से बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार अपने मौजूदा विधायक को इन समस्याओं की शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह प्रशासनिक अनदेखी का एक स्पष्ट प्रमाण है, जो ग्रामीणों की उम्मीदों और हक को सीधे तौर पर चोट पहुंचा रही है।
दीपंकर दास की अनकही दर्दभरी कहानी
इस यात्रा के दौरान एक दर्दभरी कहानी भी सामने आई। नादाडिया गांव की निवासी काकुली दास ने अपने 100% विकलांग बेटे दीपंकर दास की समस्या कुणाल षाड़ंगी के सामने रखी। दीपंकर का आधार कार्ड अभी तक नहीं बन पाया है, जिसके कारण उनकी विकलांग पेंशन बंद हो गई है और राशन कार्ड से भी उनका नाम काट दिया गया है। इसने दीपंकर और उनके परिवार को बेहद मुश्किल परिस्थितियों में डाल दिया है।
कुणाल षाड़ंगी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बीडीओ से बात की और दीपंकर की समस्या का जल्द से जल्द समाधान कराने का आश्वासन दिया। इस प्रकार की प्रशासनिक चूक से यह स्पष्ट होता है कि किस तरह से जरूरतमंद लोगों के अधिकारों से खिलवाड़ किया जा रहा है।
कुणाल का वादा: "एक और मौका दें, हर समस्या होगी दूर"
गोपलपुर के दौरे में कुणाल षाड़ंगी ने वहां की जनता की समस्याओं को ध्यान से सुना और इस बात पर जोर दिया कि वहां की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। उन्होंने कहा, "यहां विकास के नाम पर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत में लोग पानी, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अगर जनता मुझे सेवा का एक और मौका देती है, तो मैं यह वादा करता हूं कि बिजली, सड़क और पानी जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं को हर गांव तक पहुंचाया जाएगा।"
कुणाल ने यह भी कहा कि उनकी यात्रा का मकसद सिर्फ राजनीतिक प्रचार करना नहीं है, बल्कि जनता की समस्याओं को समझना और उन्हें सुलझाना है। उन्होंने यह भी कहा कि वे हरसंभव प्रयास करेंगे ताकि ग्रामीणों की शिकायतों का निपटारा तेजी से हो सके।
ग्रामीणों का आक्रोश और उम्मीदें
इस दौरान गोपालपुर के लोगों ने अपने विधायक के खिलाफ भी नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना था कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद उनके मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। खासकर जब विकास की बातें चुनावी भाषणों में की जाती हैं, तो उन पर अमल क्यों नहीं होता? ग्रामीणों ने अपने वर्तमान विधायक पर धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि केवल चुनाव के समय ही उनके दरवाजे पर दस्तक दी जाती है।
कुणाल षाड़ंगी के सामने ये सारी समस्याएं रखकर ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि अब उनकी बात सुनी जाएगी। कुणाल ने भी आश्वासन दिया कि अगर उन्हें जनता का समर्थन मिलता है, तो वे पूरी कोशिश करेंगे कि इन बुनियादी समस्याओं का समाधान हो सके।
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