टाटा स्टील यूआईएसएल का बड़ा कदम: जुस्को स्कूल में 50 kWp सोलर प्लांट की शुरुआत से जमशेदपुर के हरित भविष्य की ओर एक नई उड़ान
टाटा स्टील यूआईएसएल ने जमशेदपुर के जुस्को स्कूल में 50 kWp ऑन-ग्रिड सोलर प्लांट का उद्घाटन कर क्षेत्र में सस्टेनेबल एनर्जी की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। यह प्लांट नेट-जीरो लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होगा और अन्य संस्थानों को हरित ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
जमशेदपुर के साउथ पार्क, बिष्टुपुर स्थित जुस्को स्कूल में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए टाटा स्टील यूआईएसएल ने 50 kWp का ऑन-ग्रिड रूफटॉप सोलर प्लांट का उद्घाटन किया। यह पहल टाटा स्टील यूआईएसएल के हरित भविष्य की दिशा में बढ़ते कदम को और मजबूती देती है। देशभर में टाटा ग्रुप की कंपनियां हरित ऊर्जा के उपयोग और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में पहले से अग्रणी रही हैं, और यह प्लांट इस क्षेत्र में सस्टेनेबल एनर्जी के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस उद्घाटन समारोह का नेतृत्व टाटा स्टील यूआईएसएल के प्रबंध निदेशक श्री रितु राज सिन्हा और जेम फाउंडेशन की प्रबंध ट्रस्टी श्रीमती रुचि नरेंद्रन ने किया। समारोह में शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सस्टेनेबल ऊर्जा के लाभों पर विचार-विमर्श हुआ। श्री सिन्हा ने कहा, "यह सोलर प्लांट न केवल अक्षय ऊर्जा के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है, बल्कि यह शहर के शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक मिसाल भी है कि वे किस प्रकार अपने यहां ऊर्जा स्रोतों को हरित बना सकते हैं।"
यह सोलर प्लांट टाटा स्टील यूआईएसएल के नेट-जीरो लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। कंपनी पहले से ही अपने विभिन्न उपक्रमों में ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय लाभों को प्राथमिकता देती आई है। इस प्लांट से न केवल बिजली का बिल कम होगा, बल्कि हर महीने लगभग 60 टन CO₂ उत्सर्जन की कमी भी होगी, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह प्लांट एक मॉडल के रूप में काम करेगा, जो अन्य शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक संस्थानों को भी प्रेरित करेगा कि वे भी हरित ऊर्जा का उपयोग करके अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करें।
टाटा स्टील यूआईएसएल के इस कदम से छात्रों और शिक्षकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनने का अवसर मिलेगा। जुस्को स्कूल में इस सोलर प्लांट की स्थापना न केवल शैक्षिक उपयोग के लिए ऊर्जा उत्पन्न करेगी, बल्कि छात्रों को सस्टेनेबिलिटी और हरित ऊर्जा की महत्वपूर्ण सीख भी देगी।
सोलर ऊर्जा का इतिहास खुद में एक प्रेरणादायक यात्रा है। सौर ऊर्जा का व्यावसायिक उपयोग करीबन 1970 के दशक से शुरू हुआ, जब पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों की सीमित उपलब्धता और बढ़ती मांग के चलते इस विकल्प की खोज हुई। तब से लेकर अब तक सौर ऊर्जा ने लंबा सफर तय किया है, और अब यह बिजली उत्पादन के सबसे किफायती और पर्यावरण अनुकूल स्रोतों में से एक है। इस सोलर प्लांट से उत्पन्न बिजली का उपयोग स्कूल की बिजली जरूरतों के साथ ही ग्रिड को ऊर्जा प्रदान करने में भी किया जाएगा, जिससे ऊर्जा की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा की गई यह स्थापना न केवल हरित ऊर्जा की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह जमशेदपुर के अन्य संस्थानों को भी हरित भविष्य की ओर प्रेरित करती है। कंपनी की इस पहल से क्षेत्र के लोगों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई दिशा मिलेगी।
टाटा स्टील यूआईएसएल की इस कोशिश का उद्देश्य समाज में एक हरित संस्कृति को बढ़ावा देना है, जहां हरित ऊर्जा का उपयोग कर हम एक सस्टेनेबल भविष्य की ओर बढ़ सकें।
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