टाटा स्टील यूआईएसएल के सीनियर सुपरवाइजर ने की आत्महत्या: अत्यधिक वर्कलोड का आरोप
टाटा स्टील यूआईएसएल के सीनियर सुपरवाइजर ओमप्रकाश साहू ने अत्यधिक वर्कलोड से परेशान होकर कार्यालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से कंपनी में हड़कंप मच गया है।
टाटा स्टील यूआईएसएल के सीनियर सुपरवाइजर ने वर्कलोड से परेशान होकर की आत्महत्या
टाटा स्टील की शत प्रतिशत सब्सिडियरी कंपनी टाटा स्टील यूआईएसएल (पहले जुस्को) के सीनियर सुपरवाइजर ओमप्रकाश साहू ने अत्यधिक वर्कलोड से परेशान होकर अपने कार्यालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से कंपनी के ऑफिस में सनसनी फैल गई है और कर्मचारियों पर अत्यधिक वर्कलोड को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
घटना का विवरण:
गोलमुरी स्थित वर्कर्स फ्लैट संख्या 102 में रहने वाले ओमप्रकाश साहू (54) टाटा स्टील यूआईएसएल में सीनियर सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे। वे सुबह ड्यूटी पर आए और दोपहर के वक्त अपने सहयोगियों को दोसा खाने के लिए भेज दिया। इसके बाद उन्होंने अपने कार्यालय में नायलन की रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब उनके सहयोगी वापस आए, तो उन्होंने देखा कि ओमप्रकाश साहू पंखे से लटके हुए हैं। तुरंत ही पुलिस और कंपनी के अधिकारियों को सूचना दी गई।
गोलमुरी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सुसाइड नोट बरामद किया है। सुसाइड नोट में ओमप्रकाश साहू ने लिखा है कि वे अत्यधिक वर्कलोड से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने बारीडीह, एग्रिको, सिदगोड़ा और ओल्ड और न्यू बारीडीह के साथ बारीडीह ईएमसी का बोझ दिया गया था, जिससे वे काम नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने चीफ और एरिया मैनेजर से भी इस बारे में बात की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
सुसाइड नोट में उल्लिखित समस्याएं:
ओमप्रकाश साहू ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, "मैं अपने ऑफिस में वर्कलोड काम की बोझ से बहुत अधिक परेशान हूं। मुझे इतने वर्कलोड में काम नहीं हो पा रहा है। मैंने अपने चीफ और आलोक सर और एरिया मैनेजर से भी बात की, मुझे इतना अधिक वर्कलोड में काम नहीं कर पा रहा हूं। पर कोई रास्ता समाधान नहीं हुआ।"
उन्होंने अपने ऑफिस के सहयोगियों का भी जिक्र किया, जिन्होंने उनकी मदद की थी, लेकिन अत्यधिक वर्कलोड के कारण वे अब और काम नहीं कर पा रहे थे।
प्रतिक्रिया और जांच:
घटना की जानकारी मिलते ही टाटा स्टील यूआईएसएल के ऑफिसर और जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने इस आत्महत्या पर अफसोस जताया और मैनेजमेंट से मृतक के परिजनों को मुआवजा और नौकरी दिलाने की बात कही। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार भी मौके पर पहुंचे और इस मामले की जांच कर तत्काल मुआवजा और अन्य सुविधाएं देने की मांग की।
ओमप्रकाश साहू की आत्महत्या ने एक बार फिर से कंपनी में कर्मचारियों पर अत्यधिक वर्कलोड के मुद्दे को उजागर कर दिया है। अब देखना होगा कि कंपनी प्रबंधन इस दिशा में क्या कदम उठाती है।
What's Your Reaction?