Jamshedpur Protest: टाटा मोटर्स के कन्वाई चालकों का एक साल से जारी संघर्ष, कब मिलेगा इंसाफ या और लंबा चलेगा धरना?

टाटा मोटर्स के कन्वाई चालक 1 साल से धरने पर बैठे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई। क्या मिलेगा न्याय या संघर्ष और बढ़ेगा? पढ़ें पूरी खबर।

Mar 18, 2025 - 16:00
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Jamshedpur Protest: टाटा मोटर्स के कन्वाई चालकों का एक साल से जारी संघर्ष, कब मिलेगा इंसाफ या और लंबा चलेगा धरना?
Jamshedpur Protest: टाटा मोटर्स के कन्वाई चालकों का एक साल से जारी संघर्ष, कब मिलेगा इंसाफ या और लंबा चलेगा धरना?

जमशेदपुर – टाटा मोटर्स के कन्वाई चालक पिछले एक साल से न्याय की उम्मीद में धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी मांगें अब तक अनसुनी हैं। 1 मार्च 2024 से धरना दे रहे इन चालकों ने आखिरकार उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई है।

क्या है पूरा मामला?

टाटा मोटर्स में काम करने वाले कन्वाई चालकों की मांगें पिछले एक साल से अधर में लटकी हुई हैं। मजदूर प्रतिनिधि ज्ञानसागर प्रसाद के नेतृत्व में चालकों ने उपायुक्त को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि बार-बार सिर्फ आश्वासन मिलते रहे, लेकिन धरातल पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

चालकों का आरोप है कि:

  • उन्हें न्यूनतम वेतन और बोनस नहीं मिल रहा।
  • 8 घंटे से अधिक काम करने पर भी अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जा रहा।
  • इंश्योरेंस और पीएफ जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है।
  • वेतन भुगतान बैंक के माध्यम से अनिवार्य नहीं किया गया।

सरकार और प्रशासन की अनदेखी!

चालकों ने बताया कि पिछले एक साल में उपायुक्त समेत कई प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि जल्द समाधान निकाला जाएगा। कई बार एसडीओ, एडीएम और जमशेदपुर श्रम विभाग के अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा।

चालकों ने आरोप लगाया कि सरकार असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के अधिकारों की बात तो करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है।

इतिहास में ऐसे आंदोलन कब हुए?

भारत में मजदूर आंदोलन कोई नई बात नहीं है।

  • 1928 – बॉम्बे टेक्सटाइल मिल हड़ताल: मजदूरी और काम के घंटों को लेकर यह देश का सबसे बड़ा मजदूर आंदोलन था।
  • 1968 – रेलवे हड़ताल: इसने देशभर में हलचल मचा दी थी और सरकार को झुकना पड़ा था।
  • 2020 – किसान आंदोलन: लाखों किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर महीनों तक धरना दिया था।

टाटा मोटर्स के कन्वाई चालकों का आंदोलन भी इसी कड़ी का हिस्सा है। सवाल यह है कि क्या इन्हें भी लंबा संघर्ष करना पड़ेगा?

क्या बोले कन्वाई चालक?

धरने पर बैठे चालकों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने उपायुक्त से अपील की कि वे जल्द से जल्द हस्तक्षेप करें, क्योंकि यदि उनका तबादला हो गया तो यह मामला और लटक जाएगा।

अब आगे क्या?

अब देखना यह होगा कि प्रशासन इन मजदूरों की मांगों को गंभीरता से लेता है या नहीं। क्या टाटा मोटर्स और सरकार इनके हक में कोई ठोस कदम उठाएगी? या फिर इनकी आवाज़ अनसुनी रह जाएगी?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।