टाटा स्टील की एफएएमडी को मिला सस्टेनेबल तकनीकों में नवाचार के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार
टाटा स्टील की फेरो अलॉयज और मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) को एनुअल सस्टेनेबिलिटी सिंपोजियम एंड एक्सीलेंस अवार्ड 2024 में सस्टेनेबल तकनीकों के नवाचार के लिए सम्मानित किया गया।
नई दिल्ली/भुवनेश्वर/जमशेदपुर, 8 अक्टूबर 2024: देश की प्रमुख औद्योगिक कंपनी टाटा स्टील की फेरो अलॉयज और मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) को एनुअल सस्टेनेबिलिटी सिंपोजियम एंड एक्सीलेंस अवार्ड 2024 के दूसरे संस्करण में सस्टेनेबल तकनीकों में नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। यह सम्मान टाटा स्टील की सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह प्रतिष्ठित अवार्ड समारोह इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित किया गया, जो मंगलवार को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सरोज कुमार बनर्जी, चीफ सेफ्टी (रॉ मटीरियल्स), और देवराज तिवारी, हेड माइनिंग (सुकिंदा), ने टाटा स्टील की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
सस्टेनेबिलिटी के प्रति टाटा स्टील की प्रतिबद्धता
टाटा स्टील के एफएएमडी के एक्जीक्यूटिव इंचार्ज पंकज सतीजा ने इस सम्मान पर खुशी जताते हुए कहा, "हम सस्टेनेबल और इनोवेटिव तकनीकों के कार्यान्वयन के लिए मिले इस मान्यता से बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट होने के नाते, हमने अपने परिचालन में पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। हम समुदायों की सहभागिता के साथ जल संरक्षण और जैव विविधता के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।"
टाटा स्टील की ओर से स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम जैसी सस्टेनेबल तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे प्लांट्स में जल खपत की निगरानी की जाती है। इसके साथ ही फेरोक्रोम स्लैग का उपयोग कर नदी की रेत की खपत को कम करना (अथागढ़ में), और सड़क निर्माण में फेरोक्रोम स्लैग चिप्स का उपयोग (गोपालपुर में) जैसी पहल की भी सराहना की गई।
सस्टेनेबल नवाचारों की अद्वितीय पहचान
इस सम्मान की प्राप्ति में टाटा स्टील के प्लांट्स में सस्टेनेबल तकनीकों के इनोवेटिव कार्यान्वयन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी ने पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए अद्वितीय कदम उठाए हैं।
फेरो अलॉयज प्लांट में फेरोक्रोम स्लैग्स का उपयोग कर नदी की रेत की खपत को कम करने जैसे उपायों से कंपनी ने पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। यह कदम न केवल प्राकृतिक संसाधनों की खपत को नियंत्रित करता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को भी कम करने में सहायक है।
जैव विविधता और सामुदायिक जुड़ाव में टाटा स्टील का योगदान
टाटा स्टील ने न केवल तकनीकी नवाचारों पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि कंपनी ने अपने परिचालन क्षेत्रों के आसपास जैव विविधता संरक्षण के लिए भी अनुकरणीय पहल की हैं। इस दिशा में कंपनी ने स्थानीय समुदायों की भागीदारी के साथ कई जागरूकता कार्यक्रम जैसे प्रजातीय खाद्योत्सव, ग्रीन थेरेपी और जैवकला विविधता का आयोजन किया। इसके अलावा, सुकिंदा क्रोमाइट माइंस में बटरफ्लाई पार्क और औषधीय उद्यान का विकास किया गया है, जो जैव विविधता के संरक्षण में कंपनी की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सुकिंदा इकोरेस जैसी दुर्लभ और स्थानीय रेशमी कीट प्रजातियों के संरक्षण के लिए कंपनी द्वारा उठाए गए कदम भी प्रशंसनीय हैं। इससे न केवल जैव विविधता को संरक्षित किया जा रहा है, बल्कि स्थानीय पर्यावरण की समृद्धि को भी बनाए रखने में मदद मिल रही है।
समारोह का मुख्य आकर्षण
एनुअल सस्टेनेबिलिटी सिंपोजियम एंड एक्सीलेंस अवार्ड 2024 के इस कार्यक्रम में देश भर के शीर्ष उद्योगों ने भाग लिया, जिनमें से टाटा स्टील को उसके सस्टेनेबल और नवाचारी प्रयासों के लिए विशेष रूप से चुना गया। टाटा स्टील के सस्टेनेबिलिटी प्रयासों को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है।
भविष्य की योजनाएं
टाटा स्टील ने स्पष्ट किया है कि वह सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में अपने प्रयासों को और भी विस्तारित करेगी। कंपनी ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपने प्रयासों को और मजबूत करने का संकल्प लिया है, साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता और जैव विविधता के संरक्षण में और भी महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है।
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