Tata Steel Armed Forces Veterans Day: अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद का शानदार आयोजन, वीर नारियों और पूर्व सैनिकों का हुआ सम्मान
14 जनवरी को अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के द्वारा आर्मी कैंप में आयोजित वेटरन्स डे कार्यक्रम में वीर नारियों का सम्मान, पूर्व सैनिकों की यादें और सेना के योगदान पर चर्चा की गई। जानें इस ऐतिहासिक अवसर की पूरी जानकारी।
14 जनवरी को Tata Steel के आर्मी कैंप में आयोजित अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा आर्म्ड फोर्स वेटरन्स डे का आयोजन एक ऐतिहासिक अवसर था। इस कार्यक्रम में चाईबासा के जिला सैनिक कल्याण केंद्र के कर्नल किशोर और 220 फील्ड रेजीमेंट के अधिकारियों ने मिलकर पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का सम्मान किया। इस विशेष दिन में लगभग 90 से ज्यादा पूर्व सैनिक और सेना के कई अधिकारी मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद सभी ने जनरल करियप्पा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। मंच संचालन के दौरान सरदिंदु शेखर ने वेटरन्स डे के इतिहास पर प्रकाश डाला और बताया कि यह दिन क्यों खास है। उन्होंने बताया कि 1953 में आज ही के दिन भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा ने सेवा से संन्यास लिया था। जनरल करियप्पा ने 1947 के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
वेटरन्स डे की शुरुआत 14 जनवरी 2016 को हुई थी, और इसे मनाने का उद्देश्य पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के योगदान को सम्मानित करना है। इस दिन, रक्षा मंत्रालय की ओर से इंटरेक्टिव कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें पूर्व सैनिकों के जीवन संघर्ष और उनके योगदान पर चर्चा होती है। इस वर्ष भी जिला सैनिक कल्याण केंद्र और सुनारी आर्मी कैंप द्वारा वेटरन्स डे का आयोजन किया गया, जिसमें वीर नारियों का भी सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में कर्नल किशोर ने अपने संबोधन में कहा, "राष्ट्र की सेवा करने वाले इन वीर सेनानियों की सेवा करना हमारे लिए गौरव की बात है। हम उनका सम्मान करते हैं और साथ ही उनके परिवारों और आश्रितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।"
इस अवसर पर कर्नल अमित भारद्वाज, 220 फील्ड रेजीमेंट के कर्नल, ने सभी उपस्थित लोगों को वेटरन्स डे की शुभकामनाएं दी। उन्होंने देश में सेना के महत्व को बताते हुए कहा, "सेना हमारे राष्ट्र की रीढ़ है। उनके बिना हम सुरक्षित नहीं रह सकते। आज हम जो भी शांति और सुरक्षा का अनुभव कर रहे हैं, वह हमारे सैनिकों के बलिदान और समर्पण का परिणाम है।"
इस कार्यक्रम में कुछ प्रमुख पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। जिनमें शामिल थे:
- Col बसु
- पेटी ऑफिसर सुखविंदर सिंह
- हवलदार अवधेश कुमार
- हवलदार सतनाम सिंह
- सूबेदार शैलेंद्र कुमार
- Sgt प्रमाणिक
इन पूर्व सैनिकों की सेवा और समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा। कार्यक्रम में जनरल पी सभरवाल, ब्रिगेडियर सीएस वैद्यनाथन, ब्रिगेडियर RV सिंह, सीडीआर संजीव रमन, और कर्नल नाथ जैसे सम्मानित अधिकारियों ने भी उपस्थित होकर पूर्व सैनिकों का हौसला बढ़ाया और उनके योगदान को सराहा।
इस कार्यक्रम ने यह भी दिखाया कि भारतीय सेना का योगदान केवल युद्ध क्षेत्र तक सीमित नहीं है। यह राष्ट्र के हर नागरिक की सुरक्षा और कल्याण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पूर्व सैनिकों की शौर्य गाथाएं, उनके अनुभव और संघर्ष की कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि हमारे सैनिकों का जीवन केवल तात्कालिक सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका योगदान राष्ट्र निर्माण में अनमोल है।
वेटरन्स डे का यह आयोजन न केवल एक यादगार दिन था, बल्कि यह भारतीय सेना की वीरता, सम्मान और त्याग का प्रतीक बनकर तत्कालीन और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
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