रिश्वत लेते पकड़े गए गोरखपुर के बड़े बाबू सुशील कुमार को 5 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना
गोरखपुर के सहायक अभिलेख अधिकारी कार्यालय में तैनात बड़े बाबू सुशील कुमार को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। कोर्ट ने उन्हें 5 साल की सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
गोरखपुर, 17 सितंबर 2024: गोरखपुर के सहायक अभिलेख अधिकारी कार्यालय में तैनात बड़े बाबू सुशील कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद आज न्यायालय ने सजा सुनाई। सुशील कुमार को 27 अप्रैल 2022 को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। उन्हें कैंट पुलिस के हवाले कर दिया गया था और इस मामले में उन्हें आठ माह तक जेल में रहना पड़ा।
आज अपर सत्र न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या-01 ने सुशील कुमार को 5 साल की कठोर सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सुशील कुमार को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया गया है।
सुशील कुमार, जो वर्तमान में निलंबित वरिष्ठ सहायक के पद पर थे, ने रिश्वत लेने का अपराध किया था। उन्हें गोरखपुर के कलेक्ट्रेट कार्यालय में बड़े बाबू के पद पर तैनात किया गया था। गिरफ्तारी के समय उनके पास से रिश्वत की रकम भी बरामद हुई थी।
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे "ऑपरेशन कनविक्शन" अभियान के तहत यह सजा सुनिश्चित की गई है। इस मामले को सुलझाने में एडीजीसी घनश्याम त्रिपाठी, विवेचक निरीक्षक संतोष कुमार दीक्षित और मॉनिटरिंग सेल ने अहम भूमिका निभाई। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुशील कुमार की सजा से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई की जा रही है, और दोषियों को कानून के अनुसार सजा मिल रही है।
What's Your Reaction?