आदित्यपुर में "सोच एक पहल" द्वारा विशेष पौधरोपण अभियान का आयोजन
आदित्यपुर के जय प्रकाश उद्यान में सोच एक पहल संस्था ने पौधरोपण किया, जिसमें 64 पौधे लगाए गए। पूर्व पार्षद नीतू शर्मा ने इस प्रयास की सराहना करते हुए पौधों के संरक्षण की अपील की।
बुधवार को आदित्यपुर स्थित जय प्रकाश उद्यान में एक विशेष पौधरोपण अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का आयोजन सामाजिक संस्था "सोच एक पहल" द्वारा किया गया, जिसके अंतर्गत 64 पौधे लगाए गए। इस प्रयास में संस्था के सदस्यों के साथ-साथ क्षेत्र के स्थानीय लोग भी शामिल हुए। पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन्हें बाड़ लगाकर सुरक्षित किया गया।
इस पौधरोपण अभियान के दौरान नीम, अर्जुन, पीपल, कदम, गुलमोहर और सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण पेड़ लगाए गए, जो न केवल पर्यावरण को शुद्ध करने में सहायक होंगे बल्कि प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करेंगे। संस्था के इस प्रयास की सराहना करते हुए पूर्व पार्षद नीतू शर्मा ने कहा, "पौधा लगाना जितना जरूरी है, उससे कहीं अधिक जरूरी है उनके संरक्षण का ध्यान रखना।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पेड़ हमें स्वच्छ हवा और वातावरण प्रदान करते हैं, और इसलिए हम सभी को हर खास मौके पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और उसे सही तरीके से संरक्षित भी करना चाहिए।
इस अवसर पर संस्था के सदस्य अभय सिन्हा, विनीत सहाय, रंजना कुमारी, भाव्य सोनकर, संगीता सोनकर, और नंदिता सिंह ने भी मिलकर पौधरोपण किया और समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि यह अभियान सिर्फ पौधे लगाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आगे चलकर इन पौधों की देखभाल और संरक्षण का कार्य भी संस्था की जिम्मेदारी होगी।
संस्था "सोच एक पहल" का यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। संस्था के सदस्य नियमित रूप से ऐसे अभियानों का आयोजन करते हैं ताकि समाज में हरियाली बढ़ाई जा सके और प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। नीतू शर्मा ने कहा कि यदि हर व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम एक पौधा लगाए और उसकी देखभाल करे, तो यह धरती हरी-भरी बन सकती है और प्रदूषण से मुक्त हो सकती है।
इस अभियान के माध्यम से संस्था ने समाज के हर वर्ग को यह संदेश दिया कि पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी की है और यह काम सिर्फ सरकार या किसी विशेष संस्था का नहीं बल्कि हर नागरिक का है। पौधरोपण से न केवल पर्यावरण को लाभ होता है, बल्कि इससे हमें भी शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है।
आने वाले समय में "सोच एक पहल" और भी कई ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करेगी जिससे पर्यावरण संरक्षण और समाज की बेहतरी के लिए सार्थक कदम उठाए जा सकें।
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