Sitamarhi Hunger Strike Day 2: सीतामढ़ी के अंबेडकर स्थल पर क्यों हो रहा है आमरण अनशन? पटना में क्यों गूंज रही है डुमरा की जनआंदोलन की आवाज? जानें पूरी कहानी!
सीतामढ़ी के डुमरा में अंबेडकर स्थल पर आमरण अनशन दूसरे दिन में! जल संकट और अधिकारों की लड़ाई में जनता की हुंकार, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल। पटना में चर्चा, पूरी खबर पढ़ें!
सीतामढ़ी, बिहार – सीतामढ़ी जिले के डुमरा स्थित अंबेडकर स्थल पर बुनियादी सुविधाओं और जनता के अधिकारों की मांग को लेकर शुरू हुआ आमरण अनशन अपने दूसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। यह आंदोलन अब स्थानीय लोगों की आवाज बनकर उभर रहा है, जिसमें पीने के पानी की गंभीर समस्या, बुनियादी सुविधाओं की कमी और प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ जनता एकजुट हो रही है। पटना से लेकर सीतामढ़ी तक, यह खबर तेजी से चर्चा में है, क्योंकि यह आंदोलन अब एक जनआंदोलन का रूप लेता दिख रहा है।
अनशनकारी ने स्पष्ट और जोशीला संदेश दिया है: "जनता का दर्द ही मेरी ताकत है। मैं यह लड़ाई अंत तक लड़ूंगा। जब तक जनता के हक और अधिकारों की अनदेखी होती रहेगी, यह आंदोलन जारी रहेगा।" उनकी मांगें साफ हैं – स्वच्छ पेयजल, बेहतर बुनियादी ढांचा, और स्थानीय समस्याओं का स्थायी समाधान। अनशन स्थल पर स्थानीय लोगों का समर्थन बढ़ता जा रहा है, जहां लोग लगातार पहुंचकर अपनी एकजुटता जता रहे हैं।
स्थानीय निवासी रमेश पासवान ने कहा, "जल संकट और बुनियादी सुविधाओं की कमी हमें सालों से परेशान कर रही है। यह अनशन हमारी उम्मीद की किरण है।" अन्य नागरिकों ने भी बताया कि बिजली, सड़क और पानी जैसी मूलभूत जरूरतों की अनदेखी ने उन्हें इस आंदोलन का समर्थन करने के लिए मजबूर किया है।
हालांकि, दूसरे दिन तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया या हस्तक्षेप नहीं हुआ है, जिससे लोगों में रोष बढ़ रहा है। आंदोलनकारियों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है, जिसमें जल संकट का स्थायी समाधान और अन्य बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति शामिल है। एक स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, "अगर प्रशासन हमारी बात नहीं सुनता, तो यह आंदोलन और तेज होगा। यह सीतामढ़ी की जनता की आवाज है, जिसे अब दबाया नहीं जा सकता।"
यह अनशन अब केवल डुमरा या सीतामढ़ी तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया पर #SitamarhiAnshan और #DumraProtest ट्रेंड कर रहा है, और पटना में भी लोग इस आंदोलन पर नजर रख रहे हैं। यह आंदोलन न केवल स्थानीय मुद्दों को उठा रहा है, बल्कि बिहार के अन्य हिस्सों में भी बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर प्रेरणा बन सकता है।
पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने अनशन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जैसे-जैसे यह आंदोलन गति पकड़ रहा है, सीतामढ़ी की जनता और बिहार के लोग इसकी प्रगति पर टकटकी लगाए हुए हैं। क्या प्रशासन इस जनआंदोलन का जवाब देगा? यह सवाल अब पटना से लेकर सीतामढ़ी तक हर किसी के मन में है।
What's Your Reaction?


