सावन की अंतिम सोमवारी पर साकची गुरुद्वारा मैदान में कन्हैया मित्तल ने बांधा समा, शिवभक्तों ने भजनों में डूबकर मनाई भक्ति की रात
साकची गुरुद्वारा मैदान में हर हर महादेव सेवा संघ द्वारा आयोजित भजन संध्या में कन्हैया मित्तल ने अपने भजनों से शिवभक्तों का दिल जीत लिया। जानिए कैसे भक्तों ने इस भक्तिमय रात का आनंद उठाया।
सावन माह की अंतिम सोमवारी पर साकची गुरुद्वारा मैदान में हर हर महादेव सेवा संघ की ओर से आयोजित भजन संध्या इस बार कुछ खास रही। इस पवित्र अवसर पर देश के विख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल ने अपने भजनों से शिवभक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रात करीब 9 बजे जब कन्हैया मित्तल मंच पर पहुंचे, तो वहां मौजूद शिवभक्तों ने 'हर हर महादेव' के नारों से उनका जोरदार स्वागत किया।
संघ के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले ने कन्हैया मित्तल का अभिनंदन करते हुए उन्हें मंच पर आमंत्रित किया। मित्तल कुर्ता-पैजामा में सादगी से सजे हुए थे, लेकिन उनकी गायिकी में जो प्रभाव और भक्ति थी, उसने सबका दिल जीत लिया। मंच पर पहुंचते ही मित्तल का स्वागत जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय, सांसद विद्युत वरण महतो, धनबाद के पूर्व सांसद पीएन सिंह, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शॉल और मोमेंटो देकर किया।
भजन संध्या का आगाज स्थानीय गायक कृष्णमूर्ति ने किया, जिन्होंने शिवजी के कई लोकप्रिय भजनों की प्रस्तुति देकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। उन्होंने 'हे त्रिपुरारी, डमरुवाले…', 'भंवर में नाव पड़ी है, बीच मझधार हूं मैं…', और 'भोलेदानी ओ भोलेदानी…' जैसे भजनों से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
कन्हैया मित्तल ने मंच संभालते ही भगवान गणेश के भजन से अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की। उन्होंने अपनी गायिकी में देश के शक्तिपीठों को याद कर देवियों को नमन किया और भारत माता का भी वंदन किया। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म खुद एक ऐसा नशा है, जो अगर इसे कर लें तो कभी नहीं उतरेगा।" मित्तल ने खाटूवाले श्याम से लेकर वैष्णोदेवी और वृंदावन का भी उल्लेख किया, जिससे भक्तों को भक्ति का गहरा अनुभव हुआ।
मित्तल ने अपने खास अंदाज में कहा, "जिनका भाग्य होगा, वे दिल्ली में गाएंगे, सौभाग्य होगा तो मुंबई में, लेकिन सबसे बड़ा भाग्य होगा तो जमशेदपुर में गाएंगे।" इस बात ने जमशेदपुर के लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने बताया कि वे सीधे खाटूधाम से आ रहे हैं और वहां से यह संदेश लाए हैं कि बाबा खाटू सभी भक्तों का इंतजार कर रहे हैं।
शिवभक्तों से मित्तल ने आग्रह किया कि भजन के दौरान कोई भी भक्त मंच पर रुपया-पैसा लेकर न आए। अगर देने की इच्छा हो, तो अगले दिन किसी जरूरतमंद को भोजन करा दें। इस प्रकार, भजन संध्या केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संदेश और भक्ति का अद्भुत संगम बन गई।
इस मौके पर उन भक्तों के लिए भी खास व्यवस्था की गई थी, जो भजन स्थल पर नहीं पहुंच सके। IndiaandIndians.in ने उनके लिए रीयल-टाइम स्ट्रीमिंग की सुविधा प्रदान की, जिससे कई लोग घर बैठे इस भक्तिमय रात का आनंद उठा सके।
साकची गुरुद्वारा मैदान में इस भजन संध्या ने सावन की अंतिम सोमवारी को और भी खास बना दिया। शिवभक्तों ने भजनों में डूबकर और कन्हैया मित्तल की मधुर आवाज़ में भक्ति का आनंद लिया। यह रात सच्चे मायनों में शिवभक्ति और सामूहिक उत्सव का प्रतीक बन गई।
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