Jamshedpur Recruitment Exam: चौकीदार परीक्षा में जिला प्रशासन का सख्त रूख, निरीक्षण में कदाचारमुक्त परीक्षा की व्यवस्था पर जोर
जमशेदपुर में चौकीदार भर्ती परीक्षा के दौरान उपायुक्त अनन्य मित्तल ने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। जानें कैसे जिला प्रशासन ने परीक्षा को कदाचारमुक्त और सुरक्षित बनाया।
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जमशेदपुर, 22 दिसंबर 2024: चौकीदार भर्ती की लिखित परीक्षा रविवार को जिला प्रशासन की सख्त निगरानी में संपन्न हुई। जिले के 13 परीक्षा केंद्रों में आयोजित इस परीक्षा में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने औचक निरीक्षण कर कदाचारमुक्त परीक्षा के निर्देश दिए।
जिला प्रशासन का सख्त रुख: औचक निरीक्षण और कदाचारमुक्त परीक्षा पर जोर
परीक्षा के दौरान उपायुक्त अनन्य मित्तल ने जमशेदपुर हाई स्कूल और टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल, उलियान का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रत्येक केंद्र पर सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था, वीडियोग्राफी, और सुरक्षा जांच का जायजा लिया। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि परीक्षा को शांतिपूर्ण, अनुशासित, और कदाचारमुक्त तरीके से आयोजित किया जाए।
सीसीटीवी और वीडियोग्राफी से कड़ी निगरानी
परीक्षा के दौरान प्रत्येक केंद्र पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई और इसके साथ वीडियोग्राफरों को भी तैनात किया गया था। यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी परीक्षार्थी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स या संदिग्ध सामग्री के साथ केंद्र में प्रवेश न कर सके। प्रवेश से पहले सभी परीक्षार्थियों का फ्रिस्किंग (सुरक्षा जांच) किया गया।
इतिहास से सबक: परीक्षा में पारदर्शिता का महत्व
परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का महत्व तब और बढ़ जाता है जब हम अतीत की घटनाओं पर नजर डालते हैं। पहले ऐसी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं की घटनाएं सामने आती थीं, जिससे विश्वसनीयता पर सवाल उठते थे। जमशेदपुर में इस बार जिला प्रशासन ने न केवल इन मुद्दों को गंभीरता से लिया बल्कि नई तकनीकी निगरानी और सख्त निर्देशों के जरिए इसे पूरी तरह रोकने का प्रयास किया।
सख्त प्रशासनिक व्यवस्था: अनुशासन की मिसाल
परीक्षा के दौरान जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि हर स्तर पर सुरक्षा और अनुशासन का पालन हो। दंडाधिकारी, पुलिस अधिकारी, और उड़नदस्ता टीमों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाए। निरीक्षण के दौरान कार्यपालक दंडाधिकारी मृत्युंजय कुमार भी उपायुक्त के साथ उपस्थित रहे।
परीक्षा का समय और आयोजन
यह लिखित परीक्षा सुबह 11 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक आयोजित की गई। परीक्षा में हर छोटे से छोटे पहलू पर ध्यान दिया गया, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना न हो। जिला प्रशासन का यह प्रयास न केवल परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए था, बल्कि सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों के चयन के लिए भी था।
कदाचारमुक्त परीक्षाएं: प्रशासन का संदेश
जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अब परीक्षाओं में कदाचार या अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं होगी। परीक्षा केंद्रों में निगरानी के लिए तकनीकी उपायों और सुरक्षा प्रोटोकॉल्स का सख्ती से पालन किया गया। इस तरह की प्रशासनिक सख्ती से परीक्षा प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ेगा।
अभ्यर्थियों में सकारात्मक माहौल
परीक्षार्थियों ने इस सख्त व्यवस्था और पारदर्शी प्रक्रिया का स्वागत किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था से न केवल चयन प्रक्रिया निष्पक्ष होती है, बल्कि मेधावी अभ्यर्थियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।
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