सरयू राय का आरोप: विकास कार्यों में देरी के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्री जिम्मेदार
विधायक सरयू राय ने उपायुक्त कार्यालय के सामने धरना देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और डॉ. अजय कुमार पर तीखे हमले किए। उन्होंने 30 करोड़ की लंबित योजनाओं पर जल्द काम शुरू करने की मांग की।
जमशेदपुर, 1 अक्टूबर 2024: मंगलवार को जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने उपायुक्त कार्यालय के सामने लंबित विकास योजनाओं और विकास कार्यों की धीमी गति को लेकर धरना दिया। इस धरना प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जनता दल (यू) और भारतीय जनतंत्र मोर्चा के लोग भी शामिल थे। इस मौके पर राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार पर जमकर निशाना साधा।
सरयू राय ने अपने भाषण में कहा कि उन्होंने तीन सालों में 155 करोड़ रुपये की योजनाओं को लागू करवाया है, लेकिन अभी भी लगभग 30 करोड़ रुपये की योजनाएं लंबित हैं। जिले में पूरा पैसा आ जाने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि धरना की सूचना देने के बाद उपायुक्त सक्रिय हुए और लिखा कि योजनाएं अब तक क्यों नहीं शुरू हुईं।
सरयू राय का अजय कुमार पर निशाना
राय ने कहा कि डॉ. अजय कुमार बेरोजगारी और मालिकाना हक जैसे मुद्दों पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन खुद उनकी पार्टी की सरकार इन समस्याओं के समाधान में विफल रही है। सरयू राय ने दावा किया कि उन्होंने चार बार विधानसभा में मालिकाना हक का प्रस्ताव रखा, लेकिन राज्य सरकार ने उसे स्वीकार नहीं किया।
टाटा स्टील पर आरोप
राय ने डॉ. अजय कुमार पर आरोप लगाया कि वे टाटा स्टील के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोलते क्योंकि वे वहां नौकरी करते थे। उन्होंने दावा किया कि उनके प्रयासों से ही टाटा स्टील ने बाबूडीह से लेकर लालभट्ठा तक साफ पानी की आपूर्ति के लिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया। हालांकि, अभी तक वहां पानी नहीं दिया जा रहा है, जिसके लिए वे धरना दे रहे हैं।
नगरपालिका गठन की मांग
राय ने कहा कि जमशेदपुर में अब तक नगर निगम का गठन नहीं हुआ है। शहर में दोहरी शासन पद्धति चल रही है - टाटा स्टील का जुस्को और राज्य सरकार का जेएनएसी। उन्होंने कहा कि दोनों को मिलाकर नगर निगम या औद्योगिक शहर समिति बनानी चाहिए। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस प्रक्रिया में अड़चनें पैदा की हैं।
एमजीएम अस्पताल की हालत पर सवाल
राय ने स्वास्थ्य मंत्री पर जमकर हमला किया और सवाल उठाया कि एमजीएम अस्पताल की स्थिति क्यों नहीं सुधरी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में 5000 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी अस्पतालों की हालत खराब है, डॉक्टरों की कमी है और घटिया दवाइयां खरीदी जा रही हैं।
लंबित योजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन की मांग
राय ने कहा कि 30 करोड़ रुपये की योजनाएं लंबे समय से रुकी पड़ी हैं। वे उपायुक्त से अपेक्षा करते हैं कि वह जेएनएसी से इन्हें जल्द लागू करवाएं।
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