Saraikela Road Accident : सरायकेला में मेला देखने निकले युवक की दर्दनाक मौत, दोस्त गंभीर
सरायकेला में मेले के दौरान सड़क हादसे में 20 वर्षीय सोमचंद मार्डी की मौत हो गई, जबकि उसके दो दोस्त गंभीर रूप से घायल हैं। ट्रक चालक फरार, पुलिस मामले की जांच में जुटी।
सरायकेला में दर्दनाक हादसा: मेले के लिए निकला युवक मौत के मंजर तक पहुंचा, दो दोस्त गंभीर
सरायकेला जिले के एनआर प्लस टू उच्च विद्यालय के पास मंगलवार की रात ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया। मेले का आनंद लेने निकले 20 वर्षीय सोमचंद मार्डी ने सड़क पर अपनी जान गंवा दी, जबकि उसके दो दोस्त अभी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। आखिर मेले का उत्साह कैसे मौत के सन्नाटे में बदल गया, यह घटना आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।
कैसे हुआ हादसा?
मंगलवार रात करीब 11.30 बजे सोमचंद अपने दोस्तों प्रेम हांसदा और जानू हांसदा के साथ मेला देखने के लिए निकला था। गम्हरिया थाना रोड पर रहने वाला सोमचंद ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। बाइक और ट्रक की टक्कर में तीनों बुरी तरह घायल हो गए। आनन-फानन में स्थानीय लोगों और पुलिस ने सभी को एमजीएम अस्पताल पहुंचाया। लेकिन बुधवार सुबह इलाज के दौरान सोमचंद ने दम तोड़ दिया।
दो दोस्तों की हालत नाजुक
इस दर्दनाक हादसे में प्रेम हांसदा और जानू हांसदा गंभीर रूप से घायल हुए। जानू की स्थिति बेहद नाजुक है और उसका इलाज एमजीएम अस्पताल में जारी है। हादसे के बाद जानू के परिवार वालों की चीख-पुकार से अस्पताल का माहौल और भी गमगीन हो गया।
मृतक की पारिवारिक पृष्ठभूमि
मृतक सोमचंद पिछले दो वर्षों से अपने ससुराल गम्हरिया थाना मोड़ में रह रहा था। उसके दो छोटे बच्चे हैं, जो अब अनाथ हो गए हैं। सोमचंद के माता-पिता चांडिल थाना क्षेत्र के नागाडीह गांव में रहते हैं। इस हादसे ने पूरे परिवार को शोक की गहरी खाई में धकेल दिया है।
ट्रक चालक फरार, पुलिस कार्रवाई में जुटी
इस हादसे में ट्रक चालक मौके से फरार हो गया, जिससे सवाल उठते हैं कि आखिर सड़क पर कानून का पालन क्यों नहीं हो रहा? पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और अब मामले की गहन जांच कर रही है। लेकिन क्या यह जांच सोमचंद के परिवार के लिए न्याय का कोई रास्ता खोल पाएगी?
दर्दनाक हादसे ने उठाए सुरक्षा सवाल
यह हादसा महज एक घटना नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा और गश्ती व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। आखिर कब तक हमारी सड़कें मौत का कारण बनती रहेंगी? क्या मेले जैसी खुशियों की तलाश करने वाले लोग हर बार अपने घर सुरक्षित लौट पाएंगे? या सड़कें उनकी खुशियों को हमेशा के लिए लील लेंगी?
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