Saraikela Accident: तेज रफ्तार का कहर! अज्ञात वाहन ने बाइक सवार को कुचला, मौके पर मौत
सरायकेला-चाईबासा मार्ग पर तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से बाइक सवार युवक की दर्दनाक मौत। मृतक की पहचान कुचाई निवासी बुधराम सोय (27) के रूप में हुई। पुलिस जांच में जुटी।

सरायकेला-चाईबासा रोड पर रविवार शाम एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। 27 वर्षीय युवक बुधराम सोय अपनी बाइक से चाईबासा से सरायकेला की ओर जा रहा था, लेकिन बीच रास्ते में एक अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
आधी सड़क पर पड़ा रहा शव, राहगीरों में मचा हड़कंप
घटना के बाद सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। राहगीर कुछ देर तक असमंजस में खड़े रहे, लेकिन बाद में स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस बुलाकर युवक को सरायकेला सदर अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बैग में मिले दस्तावेज, पहचान हुई तय
पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो उन्होंने युवक के पास से एक बैग बरामद किया। बैग की तलाशी लेने पर उसमें वोटर आईडी कार्ड और शैक्षणिक प्रमाण पत्र मिले, जिससे युवक की पहचान बुधराम सोय, निवासी कुचाई के रूप में हुई।
कौन था बुधराम सोय?
- कुचाई का रहने वाला बुधराम चाईबासा से सरायकेला की ओर जा रहा था।
- बैग में मौजूद दस्तावेजों से यह साफ हुआ कि वह पढ़ाई में रुचि रखता था और संभवतः किसी सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
- उसके परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी थी, यह जांच का विषय है, लेकिन इतनी छोटी उम्र में मौत का शिकार होना पूरे इलाके के लिए एक दुखद खबर है।
रफ्तार का कहर! क्या सड़कों पर सुरक्षित हैं बाइक सवार?
झारखंड की सड़कें अक्सर बेकाबू रफ्तार और लापरवाह ड्राइवरों की वजह से जानलेवा साबित होती हैं। यह घटना सिर्फ बुधराम की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की कहानी है जो सड़कों पर सुरक्षित महसूस नहीं करता।
आइए, कुछ आंकड़ों पर नजर डालें:
- झारखंड में हर साल सैकड़ों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं।
- बाइक सवारों की मौतों का मुख्य कारण तेज रफ्तार, हेलमेट न पहनना और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी है।
- सरायकेला-चाईबासा मार्ग पहले भी कई दुर्घटनाओं का गवाह बन चुका है, लेकिन प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सका है।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शव को रात के समय सरायकेला के शीतगृह में रखवा दिया गया। सोमवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा, जिससे मौत के सही कारणों का पता चल सके।
तेज रफ्तार और लापरवाही कब खत्म होगी?
हर दिन कोई न कोई घर अपने बेटे, पिता या भाई को सड़क हादसे में खो देता है। लेकिन न सुरक्षा बढ़ाई जाती है, न ही लोगों में जागरूकता। यह हादसा एक चेतावनी है कि सड़क पर गाड़ी चलाते समय जिम्मेदारी का परिचय देना बेहद जरूरी है।
जरूरी सवाल जो प्रशासन से पूछे जाने चाहिए:
क्या इस सड़क पर स्पीड ब्रेकर लगाने की जरूरत नहीं है?
क्या अज्ञात वाहन को ट्रैक करने के लिए सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जाने चाहिए?
क्या लापरवाह ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए?
सड़क सुरक्षा के लिए क्या करें?
हमेशा हेलमेट पहनें और गति सीमा का पालन करें।
सड़क पर सतर्क रहें और अन्य वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
युवाओं को जागरूक करें कि रफ्तार सिर्फ रोमांच नहीं, बल्कि खतरा भी बन सकती है।
सरायकेला में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर कब लगेगी लगाम?
बुधराम की मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक सिस्टम की विफलता का नतीजा है। ऐसे हादसे जब तक होते रहेंगे, तब तक सवाल उठते रहेंगे – "क्या हमारे सड़कें वाकई सुरक्षित हैं?"
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