रांची में युवा आक्रोश रैली में पुलिस ने चलाई रबर की गोली, भाजयुमो के कार्यकर्ता और पूर्व सांसद घायल
रांची में युवा आक्रोश रैली के दौरान पुलिस की गोलीबारी में जमशेदपुर भाजयुमो के कार्यकर्ता कृष्णकांत राय और हजारीबाग के पूर्व सांसद डॉ. यदुनाथ पांडेय घायल हो गए। दोनों को इलाज के लिए रिम्स अस्पताल ले जाया गया।
रांची, 25 अगस्त: रांची में शुक्रवार को हुई युवा आक्रोश रैली हिंसक हो गई जब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रबर की गोली चलाई। इस घटना में जमशेदपुर भाजयुमो के कार्यकर्ता कृष्णकांत राय और हजारीबाग के पूर्व सांसद डॉ. यदुनाथ पांडेय घायल हो गए। दोनों के पैर में रबर की गोली लगी है।
घटना के बाद, जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा और अन्य साथी तुरंत उन्हें रांची के रिम्स अस्पताल ले गए। वहां उनका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि रैली के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई थी, जिसके बाद स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी।
घटना का विवरण:
युवा आक्रोश रैली का आयोजन रांची के मुख्य चौराहे पर किया गया था। इस रैली में हजारों की संख्या में युवा शामिल थे। रैली का मुख्य उद्देश्य सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रकट करना था। रैली में शामिल लोग अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे।
स्थिति तब बिगड़ी जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। लेकिन भीड़ नियंत्रित नहीं हो पाई, जिसके चलते पुलिस को रबर की गोली चलानी पड़ी।
घायलों की स्थिति:
रबर की गोलीबारी में घायल हुए कृष्णकांत राय और डॉ. यदुनाथ पांडेय की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
घटना के बाद, रिम्स अस्पताल के बाहर भाजपा के कई समर्थक और कार्यकर्ता जमा हो गए हैं। अस्पताल परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो।
नेताओं की प्रतिक्रिया:
घटना की खबर सुनते ही भाजपा के कई वरिष्ठ नेता अस्पताल पहुंचे। जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा, "यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सरकार को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का कोई हक नहीं है। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।"
वहीं, हजारीबाग के पूर्व सांसद डॉ. यदुनाथ पांडेय के समर्थकों ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा, "हम अपने नेता के साथ खड़े हैं और न्याय की मांग करेंगे।"
पुलिस का बयान:
पुलिस ने यह भी बताया कि इस घटना की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति यह पता लगाएगी कि गोली चलाने का आदेश किसने दिया और क्या यह सही था।
घटना के बाद से रांची में तनाव का माहौल है। शहर के मुख्य इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने अपील की है कि लोग शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
इस घटना ने राज्य में राजनीतिक हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह घटना सरकार की तानाशाही रवैये का सबूत है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
यह देखना बाकी है कि इस घटना के बाद क्या कदम उठाए जाएंगे और क्या सरकार इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करेगी। फिलहाल, घायल कार्यकर्ताओं के समर्थक और उनके परिवार वाले उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
इस घटना ने न सिर्फ राज्य में बल्कि पूरे देश में हलचल मचा दी है। लोगों की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नया मोड़ आता है।
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