Traffic Police Jharkhand: रांची में ट्रैफिक पुलिस का अजीबोगरीब चालान, कार मालिक को भेजा बिना हेलमेट के चालान!
रांची में ट्रैफिक पुलिस का अजीब कारनामा, कार मालिक को बिना हेलमेट के चालान भेजा गया। जानें पूरी खबर और ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही पर क्या प्रतिक्रिया दी एसपी ने।
Ranchi Traffic News: झारखंड की राजधानी रांची में ट्रैफिक पुलिस ने अब एक नया कारनामा किया है, जिससे वाहन मालिकों में खलबली मच गई है। रांची में एक कार मालिक को बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने का चालान भेज दिया गया है। यह खबर जितनी अजीब है, उतनी ही दिलचस्प भी। ट्रैफिक पुलिस ने गलती से यह चालान कार मालिक को भेजा, जबकि वह खुद कार के मालिक थे, और फोटो में दिख रही स्कूटी को लेकर यह चालान काटा गया था। तो आइए जानते हैं इस अनोखे चालान के बारे में, और क्यों यह पूरी घटना लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गई है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 17 जनवरी 2025 का है, जब रांची के व्यवसायी सुमित केसरी को ट्रैफिक पुलिस की ओर से एक चालान भेजा गया। हालांकि, सुमित केसरी खुद कार के मालिक हैं, लेकिन चालान में यह साफ देखा जा सकता है कि स्कूटी के चालक ने बिना हेलमेट पहने स्कूटी चलाई थी। स्कूटी का रजिस्ट्रेशन नंबर जेएच 01 एफवी 9415 था, जबकि सुमित की कार का रजिस्ट्रेशन नंबर जेएच 01 एफवी 9475 था। यानि कि यह चालान एक कार मालिक को भेजा गया था, जबकि गलती स्कूटी चालक की थी।
ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही: लोग परेशान
यह घटना केवल एक गलती नहीं है, बल्कि ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही और संसाधनों की कमी की ओर भी इशारा करती है। वाहन मालिकों का कहना है कि वे बिना किसी गलती के परेशान हो रहे हैं। इस तरह के गलती भरे चालान को लेकर लोग कई दिन तक परेशान रहते हैं। सुमित केसरी ने भी इस पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि इतने संसाधनों के बावजूद ट्रैफिक पुलिस इस तरह की चूक कर रही है। उनका यह कहना था कि ट्रैफिक पुलिस को अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
क्या बोले ट्रैफिक एसपी?
हालांकि, इस मामले को लेकर ट्रैफिक एसपी कैलाश करमाली ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस की ओर से इस तरह की समस्याएं आने की वजह मैन पावर की कमी है, लेकिन आने वाले समय में इन समस्याओं का समाधान कर लिया जाएगा। एसपी ने यह भी बताया कि चालान की संख्या में हाल के दिनों में वृद्धि हुई है, और इसी कारण ट्रैफिक पुलिस ने अपने संसाधनों को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
क्या है इस घटनाक्रम का महत्व?
इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या ट्रैफिक पुलिस के संसाधनों की सही दिशा में उपयोग किया जा रहा है? क्या प्रशासन को ट्रैफिक नियमों को पालन कराने के लिए और बेहतर प्रयास करने चाहिए? यह सवाल ऐसे समय पर उठ रहा है, जब पूरे देश में ट्रैफिक सुरक्षा के मुद्दे पर बहस हो रही है। यदि पुलिस को इस तरह की तकनीकी गलतियां सुधारने में वक्त नहीं मिलेगा, तो इसका असर सीधे तौर पर जनता पर पड़ेगा, जो पहले से ही ट्रैफिक नियमों की सख्ती से परेशान है।
क्या आने वाले समय में होगा बदलाव?
अब यह देखना होगा कि क्या ट्रैफिक पुलिस इस मुद्दे पर सुधार करती है और क्या ऐसे घटनाओं के कारण लोगों को परेशानियों से निजात मिलती है। ट्रैफिक पुलिस को अपनी कार्यशैली को सुधारने की आवश्यकता है ताकि लोगों को इस तरह के असुविधाजनक चालानों से बचाया जा सके।
What's Your Reaction?