Ranchi Road: सेना के विवाद से जर्जर सड़क, 15 हजार लोगों की परेशानी

रांची की बांधगाड़ी-गाड़ीगांव सड़क की हालत जर्जर। सेना के जमीन विवाद के कारण सड़क निर्माण रुका। जानें कैसे 15,000 से अधिक लोग झेल रहे हैं मुश्किलें।

Nov 22, 2024 - 09:54
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Ranchi Road: सेना के विवाद से जर्जर सड़क, 15 हजार लोगों की परेशानी
Ranchi Road: सेना के विवाद से जर्जर सड़क, 15 हजार लोगों की परेशानी

रांची: झारखंड की राजधानी रांची के वार्ड नंबर सात की बांधगाड़ी से गाड़ीगांव को जोड़ने वाली कच्ची सड़क आज बदहाली की तस्वीर पेश कर रही है। तीन-तीन फीट गहरे गड्ढों वाली यह सड़क हर दिन 15 हजार से अधिक लोगों के आवागमन का जरिया है। बावजूद इसके, यह सड़क वर्षों से उपेक्षित है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी खराब हो जाती है, जब गड्ढों में पानी भर जाने से इस पर चार पहिया वाहन चलाना जोखिम भरा हो जाता है।

सेना का दावा और विवाद की जड़

इस सड़क की बदहाली का मुख्य कारण सेना और सरकार के बीच जमीन पर अधिकार का विवाद है। बांधगाड़ी-गाड़ीगांव मार्ग की जमीन पर सेना अपना दावा करती है। नतीजतन, जब भी इस सड़क को पक्का बनाने की योजना तैयार की जाती है, सेना की आपत्ति के चलते काम रुक जाता है।

पूर्व वार्ड पार्षद सुजाता कच्छप के मुताबिक, इस मुद्दे को रांची के सांसद और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के समक्ष उठाया गया है। सेना के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन के बीच दिल्ली में इस संबंध में उच्चस्तरीय बैठक भी हो चुकी है। उम्मीद है कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद रक्षा राज्य मंत्री इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे।

कैसे प्रभावित हो रही हैं कॉलोनियां?

यह सड़क गाड़ीगांव, पाहन टोली, महुआ टोली, बड़काटोली, हरित विहार, शिवनगर, कृष्णा विहार, और आनंद विहार कॉलोनी को जोड़ती है। इन इलाकों के लोगों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सड़क की खराब हालत के कारण एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं तक का समय पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है।

बरसात में होती है सबसे बड़ी परेशानी

मोहल्ले के निवासियों के अनुसार, बारिश के दिनों में सड़क पर बने गड्ढे पानी से भर जाते हैं। इससे न केवल वाहन पलटने का खतरा बढ़ता है, बल्कि राहगीरों के लिए पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। हाल के दिनों में कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं।

दीपाटोली और नामकुम को जोड़ती है यह सड़क

यह सड़क न केवल स्थानीय मोहल्लों को जोड़ती है, बल्कि दीपाटोली से नामकुम तक एक वैकल्पिक मार्ग भी है। लोवाडीह और नामकुम जाने वाले लोग अक्सर इस सड़क का उपयोग करते हैं, क्योंकि यह मुख्य शहर की भीड़ से बचने का एक आसान रास्ता है। हर दिन हजारों लोग इस मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन सड़क की बदहाली ने इसका उपयोग कठिन बना दिया है।

इतिहास में झांकें: रांची की सड़कों का मुद्दा

रांची की सड़कों का जर्जर होना कोई नई बात नहीं है। हालांकि, बांधगाड़ी-गाड़ीगांव सड़क का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि यह न केवल स्थानीय बल्कि सामरिक दृष्टि से भी अहम है। सेना के कब्जे वाली जमीन और सरकार के दावों के बीच, यह सड़क वर्षों से उपेक्षित रही है।

क्या हो सकता है समाधान?

  1. संवेदनशीलता: सेना और स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय बनाकर विवाद का हल निकाला जाए।
  2. अस्थायी उपाय: जब तक विवाद सुलझ न जाए, सड़क की मरम्मत और गड्ढों को भरने का काम तत्काल शुरू किया जाए।
  3. सामाजिक दबाव: स्थानीय लोग अपने जनप्रतिनिधियों से इस मामले को तेजी से सुलझाने की मांग करें।

आवश्यकता: जनता की भागीदारी

स्थानीय निवासी अब इस मुद्दे को लेकर जागरूक हो रहे हैं। वे चाहते हैं कि यह सड़क जल्द से जल्द पक्की बने। उनका कहना है कि अगर सेना और प्रशासन मिलकर कोई समाधान निकालें, तो यह सड़क न केवल उनकी परेशानियों को दूर करेगी, बल्कि अन्य यात्रियों के लिए भी राहत का काम करेगी।

आप क्या कर सकते हैं?

  1. शिकायत दर्ज करें: स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संपर्क करें।
  2. सामाजिक आंदोलन: सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से इस मुद्दे को उठाएं।
  3. सुरक्षित यात्रा: बारिश के दिनों में विशेष सावधानी बरतें और गड्ढों से बचकर वाहन चलाएं।

रांची के निवासियों के लिए यह सड़क किसी लाइफलाइन से कम नहीं है। फिर भी, विवादों के कारण इसका विकास ठप है। अगर जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह सड़क आने वाले समय में और बड़ी समस्याएं खड़ी कर सकती है। क्या आप इस सड़क की समस्या से प्रभावित हैं? अपनी राय और अनुभव साझा करें!

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