Gumla Crime: OLX पर चोरी की बाइकों का धंधा, पुलिस ने पांच को दबोचा, छानबीन में आया बड़ा खुलासा

गुमला में चोरी की बाइकों को OLX पर फर्जी कागजात के साथ बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर छह चोरी की बाइकों और फर्जी रजिस्ट्रेशन कार्ड्स को बरामद किया।

Nov 22, 2024 - 10:04
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Gumla Crime: OLX पर चोरी की बाइकों का धंधा, पुलिस ने पांच को दबोचा, छानबीन में आया बड़ा खुलासा
Gumla Crime: OLX पर चोरी की बाइकों का धंधा, पुलिस ने पांच को दबोचा, छानबीन में आया बड़ा खुलासा

गुमला: झारखंड के गुमला जिले में पुलिस ने एक बड़ी बाइक चोरी और धोखाधड़ी की साजिश का पर्दाफाश किया है। एक गिरोह ओएलएक्स पर चोरी की बाइकों को बेचने का गोरखधंधा चला रहा था, जिसमें फर्जी कागजात का इस्तेमाल किया जा रहा था। गुमला पुलिस ने इस गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से छह चोरी की बाइकों को बरामद किया है। इन बाइकों की कीमत लाखों में बताई जा रही है, जो अब पुलिस के कब्जे में हैं।

गिरफ्तार अपराधी और उनके कारनामे

गिरफ्तार अपराधियों में महात्मा उरांव, नितेश उरांव, सूरज कुमार, और लोहरदगा जिले के अभय उरांवमुकेश उरांव शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस के एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में जानकारी दी और बताया कि इन आरोपियों ने चोरी की बाइकों को फर्जी कागजात तैयार करके ओएलएक्स पर बेचने का रैकेट चला रखा था।

शांतिनगर में छापेमारी, चोरी की बाइकों का खुलासा

20 नवंबर को गुमला पुलिस को सूचना मिली कि शांतिनगर मुहल्ले में एक किराए के घर में चोरी की बाइकों का जखीरा रखा गया है। पुलिस ने छापेमारी करते हुए महात्मा उरांव और नितेश उरांव को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने खुलासा किया कि वे चोरी की तीन बाइकों को बेचने के लिए तैयार थे, और इन बाइकों के असली दस्तावेज़ उनके पास थे। इन बाइकों के रजिस्ट्रेशन कार्ड्स को सूरज कुमार द्वारा तैयार किया गया था।

लोहरदगा से जुड़ा दूसरा लिंक

पूछताछ में यह भी पता चला कि लोहरदगा के हिरही गांव में और भी चोरी की बाइक्स रखी गई हैं। पुलिस ने वहां भी छापेमारी की और अभय उरांवमुकेश उरांव को गिरफ्तार कर लिया। इन आरोपियों के घर से भी चोरी की तीन बाइक्स बरामद की गईं। आरोपियों ने बताया कि वे रांची, लोहरदगा, और गुमला जिलों से बाइकों की चोरी करते थे और उन्हें बाजार में ओएलएक्स के माध्यम से बेचते थे।

बाइक बेचने का तरीका

गिरफ्तार महात्मा उरांव ने बताया कि वह चोरी की बाइकों के असली नंबर प्लेट को हटा देता था और फिर फोन पर बाइक नंबर सर्च करके उसे बाइक पर लगा देता था। इसके बाद वह इन बाइकों के इंजन नंबर और चेचिस नंबर भी फर्जी रजिस्ट्रेशन कार्ड्स पर बदल कर गाड़ी को वैध बनाने का काम करता था। इस तरह, खरीदारों को यह धोखा देना आसान हो जाता था। महात्मा और सूरज ने बताया कि वे इन बाइकों को ओएलएक्स पर बेचते थे और बिना किसी संदेह के लोग इन्हें खरीद लेते थे।

बरामद बाइक्स और सामान

पुलिस ने इस गिरोह से निम्नलिखित सामान बरामद किया:

  • अपाची बाइक (JH-23A-3287)
  • यामाहा आर-15 (JH-04U-7993)
  • पल्सर (JH-23B-4667)
  • डोमिनार बाइक (JH-08J-6212)
  • पल्सर (JH-01FF-6558)
  • पल्सर (JH-01EV-5878)
  • एक रेडमी कंपनी का मोबाइल फोन
  • दो फर्जी रजिस्ट्रेशन कार्ड्स

पुलिस कार्रवाई में अहम भूमिका

गुमला पुलिस की टीम ने इस मामले की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार सिंह, दारोगा मुनेश तिवारी, राजेंद्र मंडल, हिमांशु शेखर, हवलदार रमेश राम, और आरक्षी औरंगजेब खान के नेतृत्व में छापेमारी की गई, जिसने इस गिरोह के सक्रिय होने के बाद इसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया।

जागरूकता का संदेश

गुमला पुलिस ने लोगों से आग्रह किया है कि जब भी वे ऑनलाइन किसी बाइक या वाहन को खरीदने जाएं, तो उसके दस्तावेज़ और स्थिति की पूरी जांच करें। यह मामला एक चेतावनी है कि फर्जी दस्तावेज के माध्यम से धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हो रही है। पुलिस ने इस मामले की पूरी छानबीन की है, और अब आम जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।गुमला पुलिस की कड़ी कार्रवाई से एक बड़े चोरी और धोखाधड़ी के गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसने इलाके में अपनी जड़ें फैलानी शुरू कर दी थीं। इस गिरोह की गिरफ्तारी से यह साबित हुआ कि यदि पुलिस अपनी कार्रवाई में तत्पर रहे, तो किसी भी अपराधी को पकड़ना मुमकिन है।

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