Rajnagar Politics: चंपाई सोरेन का बड़ा ऐलान, घुसपैठ और धर्मांतरण के खिलाफ होगा आंदोलन!

झारखंड में आदिवासी आंदोलन की तैयारी! चंपाई सोरेन ने घुसपैठ और धर्मांतरण के खिलाफ बड़ा ऐलान किया। जानिए इस मुद्दे की पूरी सच्चाई।

Feb 21, 2025 - 16:03
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Rajnagar Politics: चंपाई सोरेन का बड़ा ऐलान, घुसपैठ और धर्मांतरण के खिलाफ होगा आंदोलन!
Rajnagar Politics: चंपाई सोरेन का बड़ा ऐलान, घुसपैठ और धर्मांतरण के खिलाफ होगा आंदोलन!

राजनगर: झारखंड की राजनीति में एक बड़ा आंदोलन शुरू होने जा रहा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सरायकेला विधायक चंपाई सोरेन ने ऐलान किया है कि वे अगले महीने से "आदिवासी सांवता सुसार अखाड़ा" के बैनर तले पूरे राज्य में दौरा करेंगे। इस दौरान संताल परगना समेत विभिन्न जिलों में आदिवासी समाज से जुड़े मुद्दों पर बड़ा जन आंदोलन होगा

उन्होंने स्पष्ट कहा कि झारखंड में घुसपैठ, धर्मांतरण और आदिवासी समाज की दुर्दशा जैसे गंभीर मुद्दों को अब अनदेखा नहीं किया जाएगा। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में झारखंड सरकार दावा करती है कि संताल परगना में कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं है, लेकिन ज़मीन पर हकीकत कुछ और ही है

आदिवासी समाज पर मंडरा रहा खतरा?

चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ता जा रहा है और आदिवासियों की ज़मीन पर कब्जा हो रहा है

  • उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है और इस मुद्दे पर आंखें मूंदे बैठी है
  • एसपीटी एक्ट के तहत आदिवासी ज़मीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती, फिर घुसपैठिए कहां से ज़मीन खरीद रहे हैं?
  • कई विधानसभा क्षेत्रों में आदिवासी समाज अब अल्पसंख्यक हो चुका है
  • सरकार की अनदेखी के कारण बाहरी लोग आदिवासियों की ज़मीन पर बसते जा रहे हैं

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। अब समय आ गया है कि इस संघर्ष को तेज किया जाए और समाज को जागरूक किया जाए

झारखंड में घुसपैठियों का मुद्दा क्यों बना संवेदनशील?

झारखंड का संताल परगना क्षेत्र हमेशा से आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का केंद्र रहा है। लेकिन हाल के दशकों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या ने यहां के जनसांख्यिकी को बदल दिया है

  • पहले यह मुद्दा सिर्फ चुनावी बहस तक सीमित था, लेकिन अब यह आदिवासी समाज के अस्तित्व से जुड़ चुका है
  • घुसपैठिए यहां ज़मीन कब्जा कर रहे हैं और आदिवासी पहचान पर खतरा बना हुआ है
  • कई जगहों पर धर्मांतरण के मामले भी सामने आए हैं, जिससे आदिवासी समाज में असंतोष बढ़ रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री का सीधा हमला

चंपाई सोरेन ने कहा कि यह मुद्दा अब सिर्फ बातों तक सीमित नहीं रहेगा

  • पूरे झारखंड में आंदोलन किया जाएगा
  • आदिवासी समाज को जगाने के लिए संताल परगना समेत कई जिलों में दौरा किया जाएगा
  • बांग्लादेशी घुसपैठ और ज़मीन कब्जे पर सरकार को जवाब देना होगा

गुरुपद महतो के निधन से शोक की लहर

इस दौरान पूर्व मुखिया और व्याख्याता गुरुपद महतो के निधन पर भी शोक व्यक्त किया गया

  • वे लगभग 80 वर्ष के थे और अचानक बाथरूम में गिरने से उनकी मौत हो गई।
  • उन्हें तुरंत जमशेदपुर के टीएमएच अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
  • उनके निधन से सरायकेला क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई
  • वे राजनीति और समाजसेवा में सक्रिय थे और झामुमो तथा भाजपा से जुड़े रहे थे।

आदिवासी आंदोलन की राह में क्या होंगे अगले कदम?

चंपाई सोरेन और आदिवासी संगठनों की यह चेतावनी सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकती है

  • अगर सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो आने वाले समय में झारखंड में बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है
  • आदिवासी समुदाय के हक की रक्षा के लिए संगठन सड़क पर उतर सकते हैं
  • धर्मांतरण और घुसपैठ के खिलाफ कानून में सख्त बदलाव की मांग उठ सकती है

क्या सरकार देगी जवाब?

अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाएगी?

  • अगर सरकार इस पर ध्यान नहीं देती, तो विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना सकता है।
  • झारखंड की राजनीति में आदिवासी समाज हमेशा से अहम भूमिका निभाता आया है
  • ऐसे में घुसपैठ और धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार को कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।