टेल्को के जेम्को क्वार्टर में मलबे में दबी महिला, छत गिरने से दोनों पैर टूटे: जानें पूरा मामला!
जमशेदपुर के टेल्को क्षेत्र में जेम्को के खाली क्वार्टर में ईटा चुन रही महिला पर अचानक छत गिर गई। महिला गंभीर रूप से घायल, दोनों पैर टूटे। जानें पूरी घटना।
जमशेदपुर के टेल्को क्षेत्र में स्थित जेम्को के एक खाली क्वार्टर में शनिवार को एक दुखद घटना घटी। 40 वर्षीय महिला, जो लोको की रहने वाली थी, उस समय ईटा चुन रही थी जब अचानक क्वार्टर की भितरवार की छत गिर गई। मलबे में दबने से महिला के दोनों पैर टूट गए और वह गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे तुरंत एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटना का विवरण
शनिवार की सुबह, महिला जेम्को के खाली क्वार्टर में ईटा चुन रही थी। आसपास के लोगों ने उसे वहां से हटने की सलाह दी थी, क्योंकि छत कभी भी गिर सकती थी। लेकिन महिला ने उनकी बात को नजरअंदाज करते हुए कहा, "क्या होगा?" थोड़ी ही देर बाद, छत अचानक गिर गई और महिला मलबे के नीचे दब गई।
आसपास के लोगों का बयान
क्वार्टर की छत गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि महिला मलबे में दबी हुई थी और उसके दोनों पैर टूट गए थे। लोगों ने उसे फौरन मलबे से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
आसपास के लोगों ने बताया कि खाली क्वार्टर को एक साथ ध्वस्त नहीं किया जा रहा है, जिससे ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। लोगों का कहना है कि कंपनी को इस विषय में संज्ञान लेना चाहिए और जल्द से जल्द खाली क्वार्टरों को ध्वस्त करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
कंपनी की जिम्मेदारी
यह घटना कंपनी की लापरवाही को उजागर करती है। जेम्को क्वार्टरों को ध्वस्त करने का कार्य समय पर नहीं किया गया, जिससे यह दुर्घटना हुई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कंपनी को जल्द से जल्द खाली क्वार्टरों को सुरक्षित तरीके से ध्वस्त करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
अस्पताल में महिला की स्थिति
एमजीएम अस्पताल में महिला की स्थिति स्थिर बताई जा रही है, लेकिन उसके दोनों पैर टूटने के कारण उसे लंबे समय तक उपचार की आवश्यकता होगी। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि महिला की जान को फिलहाल कोई खतरा नहीं है, लेकिन उसकी स्थिति गंभीर है।
टेल्को के जेम्को क्वार्टर में हुई इस दुखद घटना ने स्थानीय निवासियों और कंपनी के अधिकारियों को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि खाली और जर्जर क्वार्टरों को समय पर ध्वस्त करना कितना जरूरी है। उम्मीद है कि कंपनी इस घटना से सबक लेगी और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
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