Rajnagar Illegal Liquor : Rajnagar Police की सख्त कार्रवाई, अवैध शराब कारोबारियों पर टूटा पुलिस का डंडा, जानिए पूरी कहानी
राजनगर पुलिस ने त्यौहारों से पहले अवैध शराब कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की। छापामारी में दर्जनों भट्टियां ध्वस्त की गईं। इस अभियान का इतिहास और पुलिस की सख्ती क्यों खास है, पढ़िए पूरी खबर।
त्यौहारों से पहले राजनगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने ऐसा कदम उठाया जिसने अवैध शराब कारोबारियों की नींद उड़ा दी है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना प्रभारी चंचल कुमार की अगुवाई में गुरुवार को अलग-अलग इलाकों में छापामारी अभियान चलाया गया। इस दौरान जंगल और खेतों में चल रही दर्जनों देशी शराब की अवैध भट्टियों को तोड़कर नष्ट कर दिया गया।
गांव के लोगों ने जब पुलिस को शराब की भट्टियां गिराते देखा तो इलाके में चर्चा का माहौल बन गया। लंबे समय से ग्रामीण इस समस्या से परेशान थे और अब जाकर पुलिस की यह सख्त कार्रवाई राहत की सांस लेकर आई है।
अवैध शराब का इतिहास और झारखंड में इसका जाल
भारत में अवैध शराब कोई नई समस्या नहीं है। झारखंड, बिहार और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में वर्षों से यह कारोबार अलग-अलग रूप में चलता रहा है। लोककथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं में भी शराब बनाने की परंपरा का जिक्र मिलता है।
झारखंड के ग्रामीण इलाकों में महुआ से बनी शराब की परंपरा काफी पुरानी है। लेकिन यही परंपरा धीरे-धीरे अवैध धंधे का रूप ले लेती है, जहां जहरीली और मिलावटी शराब लोगों की जान तक ले लेती है। सालों से ऐसे कई हादसे सामने आए हैं जब अवैध शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है।
इसी पृष्ठभूमि में पुलिस का यह अभियान बेहद अहम माना जा रहा है।
त्यौहारों से पहले क्यों हुई कार्रवाई?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जैसे-जैसे दशहरा और दीपावली जैसे बड़े पर्व करीब आते हैं, वैसे-वैसे अवैध शराब की खपत अचानक बढ़ जाती है। इन त्योहारों पर लोग बड़ी मात्रा में शराब खरीदते हैं और इसका फायदा अवैध कारोबारी उठाते हैं।
थाना प्रभारी चंचल कुमार ने बताया कि पुलिस को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि इलाके में धड़ल्ले से अवैध शराब तैयार की जा रही है। इसी शिकायत के आधार पर गुरुवार को अभियान चलाया गया और दर्जनों भट्टियों को मौके पर ही ध्वस्त कर दिया गया।
उन्होंने साफ कहा कि आने वाले दिनों में भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
जनता से अपील और पुलिस का सख्त संदेश
थाना प्रभारी ने आम जनता से अपील करते हुए कहा—
"यदि किसी को भी कहीं अवैध शराब बनाने या बेचने की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को खबर दें। ऐसे अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।"
पुलिस का यह संदेश स्पष्ट है कि अब अवैध शराब कारोबार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गांव में मिली-जुली प्रतिक्रिया
पुलिस की इस कार्रवाई से जहां एक ओर कई लोग खुश हैं, वहीं कुछ लोग दबी आवाज में यह भी कह रहे हैं कि यह धंधा गरीबी और बेरोजगारी की वजह से फल-फूल रहा है। गांवों में कामकाज की कमी और रोज़गार की तंगी लोगों को ऐसे अवैध धंधों की तरफ धकेल देती है।
इतिहास गवाह है कि शराबबंदी या अवैध शराब पर कार्रवाई सिर्फ पुलिस की नहीं बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है। जब तक लोग खुद आगे बढ़कर इस धंधे को रोकने का संकल्प नहीं लेंगे, तब तक पुलिस के लिए इसे पूरी तरह खत्म करना मुश्किल रहेगा।
एक कदम, कई सवाल
राजनगर पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई ने त्योहारों से पहले अवैध कारोबारियों को कड़ा संदेश दे दिया है। दर्जनों शराब की भट्टियां ध्वस्त कर दी गईं और पुलिस ने साफ कर दिया कि आने वाले दिनों में भी यह अभियान जारी रहेगा।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सिर्फ छापामारी से अवैध शराब का यह जाल टूट पाएगा? या इसके लिए सरकार, समाज और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा?
What's Your Reaction?


